H3N2 के साथ H1N1 के मामले भी तेजी से बढ़ रहे,स्वास्थ मंत्रालय ने जारी किया आकडे

नई दिल्ली: एक ओर जहां देश में इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 फैल रहा है तो वहीं दूसरी ओर स्वाइन फ्लू अथवा एच1एन1 वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इसको लेकर अपने आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, फरवरी तक कुल 955 एच1एन1 संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

सबसे ज्यादा मामले तमिलनाडु (545), महाराष्ट्र (170), गुजरात (74), केरल (72) और पंजाब (28) में दर्ज किए गए। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि मार्च के अंत से संख्या में गिरावट आने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर नजर बनाए हुए है। वहीं देश में इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, तीव्र श्वसन और इन्फ्लूएंजा बीमारियों के 3,97,814 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

स्वाइन फ्लू क्या है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एच3एन2 (H3N2) और एच1एन1 (H1N1) दोनों संक्रमणों में कोविड -19 के समान लक्षण हैं, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया और 6.8 मिलियन लोगों की मृत्यु का कारण बना। महामारी के दो साल से अधिक समय के बाद, बढ़ते फ्लू के मामलों ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है।

देश में इन्फ्लुएंजा वायरस के साथ बढ़ रहे हैं स्वाइन फ्लू के मामले,  स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े

रोग निवारण और नियंत्रण केंद्रों के अनुसार, स्वाइन इन्फ्लुएंजा टाइप-ए इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण सूअरों का श्वसन रोग है।स्वाइन फ्लू वायरस की खोज 2009 में हुई थी, जब एक विशेष नस्ल, सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों के वायरस के संयोजन ने मनुष्यों में बीमारी पैदा की थी। 2009-10 फ्लू सीजन के दौरान, H1N1 ने श्वसन संक्रमण का कारण बना, जिसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने H1N1 फ्लू को महामारी घोषित किया।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

बुखार,ठंड लगना, खाँसी, गले में खराब होना, बहती नाक, लाल आँखें, शरीर में दर्द, सिर दर्द, थकान, दस्त, उल्टी, वायरस के संपर्क में आने के लगभग एक से तीन दिन बाद फ्लू के लक्षण विकसित होते हैं।

वायरस को कैसे रोकें और इसका इलाज कैसे करें?

डॉक्टरों का कहना है कि फ्लू का टीका एच1एन1 फ्लू या स्वाइन फ्लू से बचाव में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यदि आप एच1एन1 से पीड़ित हैं, तो जो लोग अन्यथा स्वस्थ हैं उन्हें विशेष दवाओं या उपचार की आवश्यकता नहीं है। उन्हें बस करने की आवश्यकता है। खूब सारे तरल पदार्थ पिएं, हल्का आहार लें। घर पर रहें और मास्क पहनें और छींकने या खांसने पर अपनी नाक और मुंह को टिश्यू से ढक लें, अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।

H3N2 virus क्या है?

यह एक इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो श्वसन में संक्रमण पैदा करता है। यह वायरस पक्षियों और जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। पक्षियों और दूसरे जानवरों में इसके कई स्ट्रेन्स पैदा हो चुके हैं। H3N2 वायरस इन्फेलूएंजा-ए वायरस का सबटाइप है। WHO और अमेरिका के CDC के मुताबिक, यह मनुष्यों में इन्फ्लूएंजा का अहम कारण है।

H3N2 virus के लक्षण क्या हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एवियन, स्वाइन और दूसरे ज़ूनॉटिक इन्फ्लूएंजा संक्रमण, मनुष्यों में ऊपरी श्वसन में हल्के से लेकर गंभीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसमें हल्के सर्दी, बुखार से लेकर गंभीर निमोनिया, एक्यूट रेस्पीरेटरी डिसट्रेस सिंड्रोम, शॉक और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। H3N2 के आम लक्षण कुछ ऐसे हैं:

  • कंपकपी
  • खांसी
  • बुखार
  • मतली
  • उल्टी
  • गले में दर्द/गले में खराश
  • मांसपेशियों और शरीर में दर्द
  • कुछ मामलों में दस्त
  • नाक बहना और छींक आना

अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द या तकलीफ, लगातार बुखार आना या खाना खाने में गले में दर्द होता है, तो जरूर है कि डॉक्टर को दिखाया जाए, ताकि सही इलाज हो सके।

H3N2 इन्फलूएंजा वायरस का इलाज क्या है?

जो लोग इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं, लेकिन हाई-रिस्क ग्रुप में नहीं आते, उन्हें दवाओं के लिए डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए। साथ ही उन्हें सलाह दी जाती है कि वे घर पर ही रहें, ताकि वायरस का दूसरों में फैलने का जोखिम कम हो सके। इसमें इलाज बुखार जैसे लक्षणों का किया जाता है।

मौसमी इन्फ्लूएंजा के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, जिसे साल में एक बार लगाने की जरूरत होती है। इसे क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन भी कहा जाता है, जो H1N1 और H3N2 सबटाइप के साथ विक्टोरिया और यामगाटा लीनिएज के खिलाफ बचाव करती है।

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