हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने 1,200 करोड़ रुपये के बल्क ड्रग फार्मा पार्क को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को एक पत्र भी भेज दिया है। 1000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ परियोजना लागत का 90 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा। पार्क में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस पार्क के स्थापित होने से करीब 20,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
पार्क बनने से थोक दवा की मांग को प्रभावी तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
प्रदेश में 600 से अधिक फार्मा निर्माण इकाइयां हैं और राज्य में थोक दवा की वार्षिक मांग लगभग 35,000 करोड़ प्रतिवर्ष है। पार्क में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार 1000 करोड़ रुपये देगी। पार्क के लिए लगभग 100.120 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है।
सरकार निवेशकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने के लिए दस साल तक तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देगी। दस साल के लिए शून्य रखरखाव शुल्क और गोदाम शुल्क के अलावा 33 साल के लिए एक रुपये प्रति वर्गमीटर प्रति वर्ष भूमि दर, स्टांप शुल्क में छूट मिलेगी। प्रदेश सरकार की ओर से निवेशकों को अधिकतम निवेश के उच्च रिटर्न को सुनिश्चित करने के प्रस्ताव में प्रति वर्ष 51 लाख रुपये तक के सावधि ऋण पर सात प्रतिशत ब्याज और शुद्ध एसजीएसटी पर 70 प्रतिशत छूट की भी पेशकश थी। पार्क बनने से थोक दवा की मांग को प्रभावी तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
प्रदेश की फार्मा कंपनियों को यहीं मिल जाएगा कच्चा माल
प्रदेश की 600 से ज्यादा फार्मा कंपनियों को अब दवाइयां तैयार करने के लिए साल्ट के अलावा कच्चा माल भी यहीं मिल जाएगा। इससे फार्मा कंपनियों का खर्च के साथ-साथ समय भी बचेगा। इस पार्क को आर्र्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे प्रदेश के फार्मा उद्योग को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी का आभार जताया
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बल्कड्रग पार्क मंजूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोेदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना का आवंटन वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि इससे प्रदेश का विकास ही नहीं, बल्कि प्रदेश के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
आंध्र प्रदेश में बनेगा विशाल दवा पार्क
राज्य सरकार को अब 2,000 एकड़ की सीमा में बल्क ड्रग पार्क विकसित करने के लिए एक निजी भागीदार की तलाश करनी होगी। जबकि देशभर के 13 राज्यों ने इस योजना के तहत बल्क ड्रग पार्क के लिए प्रतिस्पर्धा की, अंतत: गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश सफल हुए।