यहाँ से फ्री में होता है MBBS, कैसे करेआवेदन? जाने पूरी जानकारी

Free Medical Education:डॉक्टर बनने का बहुतों का सपना होता हैं पर इसकी महंगी पढ़ाई के चलते यह सपना सच कम ही हो पता हैं . लेकिन मेहनत करने से सब हासिल होता है. किसी भी हालात में हौसला नहीं खोना चाहिए. अपने प्रयासों पर डटकर रहना चाहिए मेहनत करने का भाव हो तो सफलता मिल ही जाती है. यहां पर MBBS की डिग्री  6 साल में पूरी होती हैं, इसलिए यहां के इस कोर्स की ड्यूरेशन 6 साल मानी जाती है. एमबीबीएस की पढ़ाई में थ्योरेटिकल मेडिकल एजुकेशन और प्रैक्टिकल क्लीनिकल ​​​​अनुभव शामिल हैं

ऐसे करे फ्री में MBBS

जर्मनी की सरकारी यूनिवर्सिटीज में MBBS की पढ़ाई फ्री में होती है. यहां दाखिला लेने के लिए भी भारतीय विद्यार्थियों को NEET की परीक्षा पास करना जरूरी है, इसका फायदा दाखिले के समय मिलता है. नीट परीक्षा पास करने के अलावा जो मानदंड है, उसमें ये भी समाविष्ट होता है कि स्टूडेंट ने 12वीं तक बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री पढ़ी हो. जिस साल में MBBS में दाखिले के लिए ट्राई कर रहे हैं. जर्मनी की एमबीबीएस उस देश की प्राथमिक चिकित्सा योग्यता है. यहां से एमबीबीएस की दुनियाभर में मान्यता और वैल्यू है. जर्मनी से इस कोर्स की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा है, जो इसे दुनिया में कहीं के लिए भी बेहतरीन बनाती है. यहां पर MBBS की डिग्री ज्यादातर मामलों में 6 साल में पूरी हुई, इसलिए यहां के इस कोर्स की ड्यूरेशन 6 साल मानी जाती है.

जर्मनी से एमबीबीएस करने वाले डोमेस्टिक और अंतरराष्ट्रीय दोनों छात्रों को जर्मन अस्पतालों और क्लीनिकों तक समान पहुंच दी जाती है. कोर्स के साथ ये यह सुनिश्चित कराया जाता है कि वे अपनी मेडिकल की पढ़ाई के बाद एक सफल मेडिकल करियर शुरू कर सकें.

कोई ट्यूशन फीस नहीं है और जर्मनी में रहने की लागत मैनेजेबल है

जर्मनी में एमबीबीएस की पढ़ाई स्कॉलरशिप के साथ पूरी तरह मुफ्त है. जर्मनी में मेडिसिन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के बाद प्रैक्टिकल के लिए बहुत अच्छे अस्पताल भी हैं. जर्मनी में इसे पढ़ना भारतीय छात्रों के लिए दिलचस्प है क्योंकि भारत की तुलना में यहां कोई ट्यूशन फीस नहीं है और जर्मनी में रहने की लागत मैनेजेबल है.जर्मनी में MBBS के दाखिले के लिए नीट एग्जाम पास करना कोई तय क्राइटेरिया नहीं है, लेकिन यदि यह एग्जाम पास किया है तो इसका फायदा मिलता है. इस एग्जाम को पास करना ये प्रमाण देता है कि मेडिकल की पढ़ाई से पहले होने वाली बेसिक नॉलेज छात्र के पास है. दाखिले के लिए यूनिवर्सिटीज के इंटरनेशनल ऑफिस से कॉन्टेक्ट करना होगा. इस पार्ट को Uni-Assist सिस्टम कहा जाता है.

Uni-Assist के जरिए ये जानकारी मिल जाएगी कि मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए कैसे अप्लाई करना है. डिजिटल एप्लीकेश समेत तमा चीजों के बारें में आपको बताया जाएगा.इन यूनिवर्सिटीज में दाखिले के लिए अप्लाई करने का समय 15 जुलाई तक (for fall/winter entry) और 15 जनवरी (for summer entry) तक होता है.

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