14 अप्रैल से 6 दिसंबर तक गूंजेगी विवाह की शहनाइयां

अकोला- सनातन संस्कृति में हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में विवाह संस्कार को सबसे महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। इसलिए अनादिकाल से ऋषि-मुनियों द्वारा शोधित एवं प्रकाशित पंचांग में वर्णित शुभ मुहूर्त में विवाह किया जाता है। सनातन हिंदू धर्म में कोई भी कार्य बिना शुभ मुहूर्त के नहीं किया जाता है। लेकिन इस वर्ष 14 अप्रैल से 6 दिसंबर तक विवाह के 37 मुहूर्त बताए गए है।

7 मार्च से होलाष्टक और 14 से 13 अप्रैल तक खरमास से सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। फिर विवाह की शहनाईयां गूंजने लगेगी। शादी-विवाह के लिए तो लोग पुरोहितों से सर्वोत्तम मुहूर्त का शोध कराते है। चातुर्मास के कारण जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में विवाह आदि के शुभ मुहूर्त नहीं है। संस्कृत के प्रकांड विद्वानों एवं आचार्यों द्वारा गहन शोध से तैयार किए गए पंचांग में दिए गए मुहूर्त इसका निर्धारण करते हैं। सनातन संस्कृति में विवाह संस्कार इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस संस्कार से दो जीवन एक होकर सृष्टि की गति को आगे बढ़ाते हैं। इस वर्ष 7 मार्च से होलाष्टक और 14 मार्च से 13 अप्रैल तक मीन की संक्रांति के चलते खरमास निर्माण होने से विवाहादि सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे, लेकिन 14 अप्रैल को सूर्य की मेष संक्रांति के साथ सभी शुभ कार्य पुनः प्रारंभ हो जाएंगे, जो 6 दिसंबर तक चलेंगे।

ऐसे है विवाह मुहूर्त

  • अप्रैल : इस महीने में विाह के कुल 9 शुभ मुहूर्त है। इसमें 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 तिथि का समावेश है।
  • मई: इस महीने में विवाह के कुल 15 मुहूर्त है। इसमें 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 तिथि का समावेश है।
  • जून : इस महीने में विवाह के कुल 6 मुहूर्त है। इसमें 2. 4, 5, 7, 8 और 9 तारीख का समावेश है।
  • नवंबर: इस महीने में विवाह के कुल 4 शुभ मुहूर्त है। इसमें शुरूआती की तिथि में विवाह के मुहूर्त नहीं बन पाते लेकिन 22, 23, 25 और 30 तारीख का समावेश है।
  • दिसंबर : इस महीने में केवल विवाह के कुल 3 ही शुभ मुहूर्त हैं। इसमें 4, 5 और 6 तारीख का मुहूर्त बनने जा रहा है।

कारोबारियों के लिए अच्छे दिन

अप्रैल से दिसंबर तक लगभग 37 मुहूर्त है। जिससे शादी की तैयारी में जुटे अभिभावकों के लिए पसंद का मैरेज हॉल, लॉन्स, रिसोर्ट आदि चुनने का पूरा मौका रहेगा। साथ ही शादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बैंड बाजा, घोड़ा, कैटर्स, वेडिंग ड्रेस, रथ आदि का कारोबार करने वालों के अच्छे दिन आने वाले है। इस सिलसिले में कुछ कारोबारियों ने बताया कि शादी के मुहूर्त पर्याप्त होने से कारोबार तो बढ़ेगा, साथ ही जिम्मेदारियां भी बढेगी।

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