मुंबई -मनोज जरांगे आज़ाद मैदान में अनशन पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि मराठा समाज को ओबीसी वर्ग से आरक्षण मिले। “कुछ भी हो जाए, मैं पीछे नहीं हटूँगा,” ऐसा ऐलान उन्होंने किया। उन्होंने तुरंत आदेश लागू करने के साथ-साथ हैदराबाद और सातारा संस्थानों के गैजेट लागू करने की भी मांग रखी थी।अब राज्य सरकार ने जरांगे की मांगों पर संज्ञान लेते हुए बड़े फैसले किए हैं। सरकार ने घोषणा की है कि हैदराबाद संस्थान का गैजेट लागू किया जाएगा। इसके साथ ही जरांगे की अन्य कुछ मांगें भी मान ली गई हैं।
सातारा और हैदराबाद गैजेटियर लागू होंगे
राज्य सरकार ने हैदराबाद गैजेटियर लागू करने का निर्णय लिया है — जो जरांगे की प्रमुख मांगों में से एक थी। इस पर आज ही जीआर (सरकारी आदेश) जारी होगा। राज्य ने सातारा संस्थान का गैजेट भी लागू करने का आश्वासन दिया है, हालांकि इसके लिए कुछ समय मांगा गया है। इन दोनों गैजेटों को लागू करने की जिम्मेदारी राधाकृष्ण विखे पाटिल और शिवेंद्रराजे भोसले ने ली है। इसके लागू होने से पश्चिम महाराष्ट्र के सैकड़ों मराठा परिवारों को लाभ होगा।
आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले वापस होंगे, मृतकों के परिवारों को मदद
राज्य सरकार ने यह भी मान लिया है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मामले वापस लिए जाएंगे। इसके लिए सरकार अदालत में जाकर आवेदन करेगी।साथ ही, मराठा आंदोलन के दौरान आत्महत्या करने वाले या आंदोलन में जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।इस बारे में राज्य सरकार ने मनोज जरांगे पाटिल को लिखित में आश्वासन दिया है और जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।