महाराष्ट्र में महिला कर्मचारियों के लिए कार्यस्थलो पर “हिरकणी कक्ष” किये गए अनिवार्य

मुंबई– राज्य में सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों या कंपनियों में जहां महिलाएं बड़ी संख्या में काम करती है, वहां हिस्कान कमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। सरकार ने हाल ही में बीएमसी अधिनियम में इसके लिए कानूनी प्रावधान करते हुए एक अधिसूचना जारी की है।

राज्य में बनने वाले आवासीय एवं व्यवसायिक भवनों में हिरकणी कक्ष बनाये जायेंगे तथा उस स्थान का कार्पेट एरिया इंडेक्स की गणना नहीं की जायेगी .इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पेश प्रस्ताव पर बोलते हुए विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हर थाने में हिरकणी प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा की। इसी के अनुसार रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल, पुलिस स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर माताओं और बच्चों की सुविधा के लिए नये हीरकणी कक्ष शुरू करने का अभियान शुरू किया गया है

 प्रथम चरण में 17 स्थानों पर हिरकणी कक्ष होंगे स्थापित

साथ ही प्रदेश में जहां-जहां महिलाएं अधिक संख्या में काम करती है, वहां हिरकणी कक्ष स्थापित करने का अभियान चलाया गया है।इसके अनुसार, सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक, संस्थागत, शैक्षिक और इसी तरह के अन्य भवनों में हिरकणी कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया गया है जहां महिलाएं काफी हद तक काम करती हैं। हिरकणी कक्ष में स्तनपान कराने वाली माताओं, गर्भवती महिलाओं, छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों और उनकी माताओं को सुविधा होगी। सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में प्रारंभिक अधिसूचना नगर विकास विभाग द्वारा जारी कर दी गयी है और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जायेगा।

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