एक तरफ जहां दिसंबर में खुदरा महंगाई घटकर साल भर के निचले स्तर पर आने से आम उपभोक्ता को खुशी मिली। वहीं दूसरी तरफ कुछ प्रमुख दैनिक उपयोग की वस्तुएं बनाने वाली FMCG कंपनियों ने जनवरी से अपने उत्पादों में 2% से 58% तक बढ़ोतरी करके उसकी जेब पर बोझ फिर बढ़ा दिया है। जनवरी 2022 में 3% से 20% की बढ़ोतरी के बाद FMCG कंपनियों द्वारा साल भर में तीसरी बार यह बड़ी वृद्धि की गई है। इससे पहले मई 2022 में कच्चे माल की कीमतें बढ़ने की वजह से FMCG कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी की थी।
इनपुट लागत घटाने और भी कंपनियां बढ़ा सकती हैं दाम
मार्केट के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोलगेट, पामोलिव के अलावा कैडबरी और ओरियो जैसे ब्रांड बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंडिया ने अपने विभिन्न उत्पादों की कीमतें बढ़ाई हैं। इन कंपनियों ने कई उत्पादों के वजन में भी कमी की है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के डायरेक्टर पूषन शर्मा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में FMCG कंपनियों की ग्रोथ 7-9% तक रहेगी और कंपनियां इनपुट लागत का बोझ ग्राहकों पर डालने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं।
ग्रामीण मांग सुधरने से कंपनियों की मार्जिन बढ़ाने की कोशिश
बीते कुछ समय से FMCG कंपनियों की बिक्री में एक तिहाई से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले ग्रामीण सेक्टर में बिक्री धीमी रही थी और कंपनियों को अपना मार्जिन घटाकर काम करना पड़ रहा था। लेकिन अब खेती में लाभ, सरकारी प्रोत्साहन और अच्छी फसल के चलते इस साल कंपनियों को ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद नजर आ रही है। यही वजह है कि कंपनियां अपना मार्जिन वापस बढ़ाने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं।
12 महीने के निचले स्तर पर महंगाई, दिसंबर में 5.72% पर आई
देश में खुदरा रिटेल महंगाई (CPI) में लगातार तीसरे महीने गिरावट देखने को मिली। दिसंबर महीने में रिटेल महंगाई घटकर 5.72% पर आ गई है। ये 12 महीनों का निचला स्तर है। नवंबर महीने में रिटेल महंगाई 5.88% पर थी। वहीं अक्टूबर 2022 में रिटेल महंगाई 6.77% थी। हालांकि, ये दिसंबर 2021 के मुकाबले ज्यादा है, जब खुदरा महंगाई दर 5.66% थी।