मुंबई- राज्य में स्कूली छात्रों के लिए अब तीसरी से आठवीं तक के छात्रों के लिए परीक्षा का केरल पैटर्न आयोजित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने इस संबंध में जानकारी दी है।वर्तमान में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में भेज दिया जाता है। लेकिन इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिसपर काफई लोगो का कहना है की छात्रों में यह मानसिकता बना दी गई है कि फेल नहीं होंगे, पढ़ेंगे ही क्यों ।
केंद्र सरकार की शिक्षा नीति के तहत कक्षा आठवीं तक बगैर परीक्षा के पढ़ाई से होने वाले नुकसान के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि तीसरी कक्षा से हर माह परीक्षा आयोजित की जाए। इस परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों पर शिक्षक विशेष ध्यान देंगे। सरकार का मानना है कि प्रतिस्पर्धा बढने से शिक्षा की गुणवत्ता अच्छी हो सकेगी। केरल की तर्ज पर महाराष्ट्र का शिक्षा विभाग इस पर विचार कर रहा है। राज्य के स्कूली शिक्षामंत्री दीपक केसरकर ने पिछले दिनों देश के सर्वाधिक साक्षर राज्य केरल की शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केरल का दौरा किया।
पढ़ाई-लिखाई में अधिक रुचि नहीं रहने से शिक्षा व्यवस्था में रणनीतिक बदलाव होगा। इसके अनुसार राज्य में शिक्षा का ‘केरल पैटर्न’ लागू किया जाएगा।
आठवीं कक्षा तक कोई भी छात्र नही होगा फेल
पहली और दूसरी के छात्र छोटे हैं। इसलिए, उन्हें बिना परीक्षा दिए तीसरी और बाद की कक्षाओं के लिए आयोजित किया जाएगा। केसरकर ने यह भी कहा कि हालांकि परीक्षाएं कराई जाएंगी लेकिन आठवीं कक्षा तक किसी भी छात्र को अनुत्तीर्ण नहीं किया जाएगा।तीसरी कक्षा से फिर से वार्षिक अभ्यास परीक्षा आयोजित की जाएगी। यदि आप अभ्यास परीक्षा में असफल होते हैं या कम अंक प्राप्त करते हैं, तो पुनः परीक्षा आयोजित की जाएगी l
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अगले साल से लागू होंगे फैसले
इस फैसले पर अमल अगले साल से शुरू हो जाएगा। उसके बाद अगले साल की परीक्षाएं चरणबद्ध तरीके से कराई जाएंगी और हर 10 साल में पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा।