हाइलाइट्स
- महाराष्ट्र सरकार ने स्टाम्प शुल्क भुगतान के लिए सेट-ऑफ अवधि को बढ़ाने का फैसला किया है
- अब सेट-ऑफ की अवधि 3 साल कर दी गई है, जो पहले 1 साल की थी
- नए विधेयक के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी सिर्फ प्रॉपर्टी की कीमत के अंतर पर ही देना होगा
- अगर इस अवधि को 3 साल के लिए बढ़ाते हैं तो इससे काफी फायदा निवेशकों को मिलेगा
मुंबई(दिव्य हिन्दी): महाराष्ट्र विधानसभा ने स्टाम्प शुल्क भुगतान के लिए सेट-ऑफ अवधि को 3 साल तक के लिए बढ़ाने वाला विधेयक पारित किया है। इस विधेयक के पारित होने के बाद हर नई प्रॉपर्टी को रीसेल करने के लिए स्टाम्प शुल्क देने के लिए सेट-ऑफ की अवधि 3 साल कर दी गई है। इससे पहले यह अवधि 1 साल की थी।
नए विधेयक के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी सिर्फ प्रॉपर्टी की कीमत के अंतर पर ही देना होगा, जो अभी तक तीन साल की अवधि के लिए पूरी राशि पर देना होता था। विधेयक में कहा गया है कि एक साल की अवधि में फ्लैट बेचे जाने के मामले लगभग जीरो थे। अवधि को बढ़ाने का फैसला इस बिजनस को बेहतर करने के लिए जरूरी है।
माना जा रहा है कि अगर इस अवधि को 3 साल के लिए बढ़ाते हैं तो इससे काफी फायदा निवेशकों को मिलेगा। निवेश की संख्या बढ़ेगी और खरीद-फरोख्त के सौदों को भी बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि इससे राज्य को फायदा होगा, क्योंकि इससे काफी मात्रा में राजस्व मिलेगा। यह भी कहा जा रहा है कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे