महाराष्ट्र-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिंदे-फडणवीस सरकार ने सस्ती रेत मिलने, किसानों को राहत और देवनार डंपिंग ग्राउंड में वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट समेत कुल नौ अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट ने बुधवार 5 अप्रैल को इस संबंध में फैसला लिया।
1) लगातार बारिश अब प्राकृतिक आपदा घोषित
केबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा “निरंतर बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित किया जाए और कृषि फसलों के नुकसान के लिए सहायता प्रदान की जाए। उसी के अनुसार किसानों को मदद दी जाएगी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की।
फसल की हानि 33 प्रतिशत से अधिक होने पर प्रभावित क्षेत्र के लिए निर्धारित दर पर इनपुट सब्सिडी के रूप में किसानों को सहायता दी जाती है। हालाँकि, भले ही राजस्व मंडल में भारी बारिश का कोई रिकॉर्ड नहीं है, फिर भी सर्कल के गांवों में भारी बारिश हो सकती है और फसलों को नुकसान हो सकता है। साथ ही कुछ गांवों में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है, ऐसे में जरूरी है कि किसानों को मदद दी जाए।
अब से राज्य सरकार द्वारा घोषित प्राकृतिक आपदा भारी वर्षा के लिए भी 24 घंटे में 65 मिमी अधिक वर्षा की कसोटी को बरकरार रखते हुए निरंतर वर्षा के लिए दूसरे ट्रिगर में “सामान्यीकृत वनस्पति सूचकांक (NDVI ) का एक अतिरिक्त मानदंड होगा। कृषि फसलों को नुकसान के लिए लागू किया जा सकता है। यह मानदंड सूखे के अलावा अन्य सभी प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के नुकसान के लिए भी लागू होगा।
2) नागरिकों को सस्ती दरों पर मिलेगी रेत,
अनधिकृत खनन पर रोक लगाने के लिए नई रेत नीति राज्य के नागरिकों को सस्ती दर पर रेत प्राप्त करने तथा अनाधिकृत बालू खनन पर रोक लगाने के लिए नई व्यापक संशोधित रेत नीति तैयार की गई है और इस नीति को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी गई।
इस नीति के अनुसार, एक वर्ष के लिए प्रायोगिक आधार पर सभी नागरिकों को रेत की बिक्री दर 600 रुपये प्रति पीतल (133 रुपये प्रति मीट्रिक टन) निर्धारित की गई है। इसमें मालिकाना हक की राशि माफ कर दी जाएगी। इसके अलावा जिला खनिज स्थापना निधि एवं यातायात अनुज्ञप्ति सेवा शुल्क आदि व्यय भी वसूल किये जायेंगे। बालू उत्खनन, उत्खनन उपरांत बालू का डिपो तक परिवहन, डिपो के निर्माण एवं प्रबंधन हेतु निविदा प्रक्रिया संचालित की जायेगी। इससे बालू या बालू की खुदाई की जाएगी। इस रेत को सरकारी डिपो में ले जाया जाएगा और वहां से इस रेत को बेचा जाएगा।