महाराष्ट्र में लागू होगा नया खेती-बाड़ी की भी पढ़ाई जुड़ा कोर्स

मुंबई- भारत एक कृषि प्रदान देश है. यहां अनाज को और खेती को बड़ा स्थान दिया जाता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीक़े की खेती की जाती है. वहीं देश में खेती का महत्व भी काफ़ी रहा है. मगर बदलते जमाने के साथ ही देश के युवा आज देश की धरोहर को भूलते जा रहे है. एक ज़माना था जब घर का एक व्यक्ति खेती-किसानी से जुड़े काम के लिए समर्पित रहता था. मगर ज़माना जिस तेज़ी से आधुनिकता की और बढ़ता जा रहा है, उसी तेज़ी से देश के युवा खेती-किसानी के बारे में भूलते जा रहे है. इस बदलते समय में खेती-किसानी की जानकारी लोगों के बीच बनी रहे, इसके लिए महाराष्ट्र में बड़ी पहल की जा रही है. महाराष्ट्र में अब बच्चों को खेती की पढ़ाई-लिखाई कराई जाएगी.

देश में पिछले कुछ साल में बेहद महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है. उसमें देश में सबसे बड़ा बदलाव था शिक्षा का. आज  देश में शिक्षा का स्तर बेहद ऊंचा हुआ है क्योंकि अब जल्द ही महाराष्ट्र में बच्चो की शिक्षा में खेती की शिक्षा को भी शामिल किया जाएगा.

छात्रों को दी जाएगी खेती-बाड़ी की शिक्षा

महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा विभाग ने आगामी शैक्षणिक वर्ष से राज्य भर में अनिवार्य विषय के रूप में क्लास छह से आठ तक के छात्रों के लिए एक कृषि पाठ्यक्रम चलाने का फैसला किया है. राज्य के कृषि विभाग ने एक पाठ्यक्रम तैयार किया है, जिसमें खेती का व्यावहारिक ज्ञान शामिल होगा. इससे राज्य के बच्चों में कृषि के प्रति जागरुकता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.

कोर्स को तीन चरणों में किया जाएगा पेश

महाराष्ट्र कृषि विभाग द्वारा स्कूली कोर्स में कृषि जैसे व्यावसायिक विषयों को शामिल करने की तैयारी है. राज्य के कृषि और शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकों की एक समिति ने सभी कक्षाओं में कृषि के बारे में पढ़ाने की योजना बनाई है. कोर्स को तीन चरणों में पेश किया जाएगा. क्लास एक से पांच, क्लास छह से आठ और क्लास नौ से 10 तक कोर्स चलाए जाएंगे. इसमें कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल किया जाएगा, जिसमें इसका महत्व, नौकरी के अवसर और खेती की जानकारी शामिल रहेगी. यह कृषि विभाग द्वारा राज्य के युवाओं के लिए एक अच्छा कदम है.

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