नाशिक-स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) के विचारों और जीवन कार्यों को विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र राज्य में देश का पहला ‘वीर सावरकर टूरिज्म सर्किट’ बनाया जाएगा। साथ ही सावरकर की जन्मस्थली नासिक के भागुर में एक भव्य सावरकर थीम पार्क और म्यूजियम भी स्थापित किया जाएगा।स्वतंत्रवीर सावरकर का जन्म नासिक में हुआ था।
भागुर को आज स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के नाम से जाना जाता है। भागुर के सावरकर वाडा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सावरकर के आत्म-बलिदान दिवस के अवसर पर 26 फरवरी को भागुर के नूतन विद्यालय से सावरकर वाडा तक भव्य प्रणाम पदयात्रा निकाली जाएगी। इस पदयात्रा में अष्टभुजा देवी और पालकी भी शामिल होंगी। बाद में सुबह सावरकर वाडा के मुख्य कार्यक्रम में जाने-माने गायक चारुदत्त दीक्षित और उनके साथी कलाकारों द्वारा सावरकर की तरफ से लिखे गीतों को पेश किया जाएगा।
टूरिज्म सर्किट की क्या होगी विशेषता
भागुर में होने वाले इस कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के माध्यम से देश में पहले ‘वीर सावरकर टूरिज्म सर्किट’ की घोषणा की जाएगी। साथ ही भागुर में बन रहे ‘थीम पार्क’ को महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम सावरकर के दर्शन पर आधारित एक भव्य थीम पार्क और संग्रहालय का निर्माण करेगा।विनायक दामोदर सावरकर का जन्म हुआ था उनका जन्म 28 मई, 1883 को भागुर के उसी सावरकर वाडा में हुआ था। बचपन से ही देशभक्ति की भावना से प्रेरित सावरकर ने इसी महल में अष्टभुजा देवी की प्रतिमा के समक्ष शपथ ली। सावरकर के क्रांतिकारी कार्य, समाज सुधार कार्य, कविता और साहित्य में योगदान और राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए बलिदान और समर्पण के बारे में इतिहास में दर्ज है।
महाराष्ट्र राज्य सरकार की पहल
महाराष्ट्र राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने सावरकर के कार्यों और विचारों को अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुंचाने और लोगों में राष्ट्रीय जागरूकता पैदा करने के लिए यह विशेष पहल की है। भागुर में 26 फरवरी को होने वाला यह कार्यक्रम इस अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अवसर पर राज्य सरकार की तरफ से पहली बार सावरकर के विचारों को व्यापक स्तर पर जगाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे नासिक सहित कई जगहों से सावरकर प्रेमियों में उत्साह का माहौल है।