मुंबई- महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज का एक भव्य म्यूजियम बनाने का निर्णय लिया है. यह वही स्थान है, जहां मुगल सम्राट औरंगजेब ने मराठा योद्धा शिवाजी महाराज को नजरबंद किया था.इस प्रोजेक्ट के तहत, महाराष्ट्र सरकार इस ऐतिहासिक भूमि का अधिग्रहण करेगी और एक ऐसा म्यूजियम बनाएगी, जो शिवाजी महाराज के संघर्ष, बुद्धिमत्ता और वीरता की गाथा को दर्शाएगा.19 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की थी कि आगरा में जहां शिवाजी महाराज को बंदी बनाया गया था, वहां एक भव्य स्मारक और म्यूजियम बनाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि इस भूमि का अधिग्रहण कर इसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा.
इसके बाद, 12 मार्च को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए. उन्होंने पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम को आदेश दिया कि मीना कोठी बाजार की सभी कानूनी और प्रशासनिक दस्तावेज तैयार कर रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करें.
म्यूजियम क्यों जरूरी?
महाराष्ट्र सरकार के जारी किए गए गवर्नमेंट रेजोल्यूशन (GR) में कहा गया है कि–
- छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई से मुगलों की कैद से निकलकर महाराष्ट्र लौटने में सफलता पाई.
- आज भी जब महाराष्ट्र के लोग इस ऐतिहासिक स्थल पर जाते हैं, तो वहां कोई भी स्मारक या प्रतीक नहीं मिलता.
- शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के आराध्य देवता हैं, इसलिए इस स्थान को उनकी वीरता और इतिहास के प्रतीक के रूप में संरक्षित करना आवश्यक है.
- इस प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र पर्यटन विभाग आवश्यक फंड प्रदान करेगा.
राजनीतिक संकेत और हिंदुत्व का संदेश
इस प्रोजेक्ट के पीछे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पहलू भी देखा जा रहा है.
- महाराष्ट्र की राजनीति में BJP और शिवसेना आमने-सामने हैं.
- उद्धव ठाकरे गुट मराठा राजनीति से गहराई से जुड़ा हुआ है, और छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम महाराष्ट्र की राजनीति में बेहद प्रभावशाली है.
- शिवाजी महाराज से जुड़े इस ऐतिहासिक स्थल को म्यूजियम में बदलने का फैसला, BJP की हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की नीति को और मजबूत कर सकता है.
बहुत ही अच्छा लेख प्रकाशित किया है इस अहम विषय पर आपकी लेखन टीम के द्वारा