मुंबई- बिना लाइसेंस के लापरवाही से वाहन चलाने वाले और शराब पीकर चलाने वाले सार्वजनिक परिवहन सेवा के चालकों के खिलाफ गैर जमानती मुकदमा दर्ज करने के संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस कानून को और भी सख्त करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है ताकि चालकों की लापरवाही से यात्रियों की जान न जाए।
अधिकारियों के साथ हुई बैठक
सहयाद्री गेस्ट हाउस में हुई इस बैठक में पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ, गृह विभाग के प्रमुख सचिव, अपर पुलिस महानिदेशक परिवहन रवींद्र सिंघल, परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार सहित अन्य उपस्थित थे।लापरवाह और शराब पीकर गाड़ी चलाने से दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है और इस प्रकार निर्दोष यात्रियों की मौत हुई है। 2021 में तेज गति से दुर्घटनाओं की संख्या 20 हजार 860 है और इसमें 9829 लोगों की मौत हुई है। बैठक में सार्वजनिक सड़कों पर लापरवाह ड्राइविंग को गैर-जमानती अपराध बनाने के गृह विभाग के प्रस्ताव पर चर्चा हुई।
सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदान करने वाले वाहनों में वाहन चालकों की लापरवाही से दुर्घटना एवं यात्रियों की मृत्यु होने पर चालकों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा है। उसके लिए इस संबंध में कानून में संशोधन किया जाना चाहिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वाले व शराब पीकर वाहन चलाने वालों को इसके दायरे में लाया जाए।