मुंबई- राज्य के बिजली कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल(Mahavitaran strike) वापस ले ली है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra fadanvis) के साथ आज बिजली ट्रेड यूनियनों की बैठक हुई। इस बैठक में सकारात्मक समाधान निकला।
बिजली कर्मचारियों द्वारा आज आधी रात से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था जिसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और ट्रेड यूनियनों के बीच आज चर्चा हुई। इस बैठक में सकारात्मक समाधान निकल गया है । बिजली कर्मचारियों की हड़ताल वापस लेने से राज्य के नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, ऊर्जा विभाग के अधिकारी, महावितरन, महानिर्मिती, महापर्वेशन विभाग के पदाधिकारियों और विभिन्न बिजली कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों ने आज दोपहर करीब एक बजे सह्याद्री गेस्ट हाउस में बैठक की। इस बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार बिजली कंपनियों का कोई निजीकरण नहीं चाहती है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार अगले तीन साल में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
अदाणी ग्रुप ने समानांतर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। उनके विरोध में यह हड़ताल की गई है। इस बारे में बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि बिजली कर्मचारी संघों ने यह स्थिति सामने रखी थी कि सरकार को समानांतर लाइसेंसों के संबंध में विद्युत नियामक आयोग को आवेदन करना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि सरकार स्टैंड लेगी कि राज्य विद्युत नियामक आयोग उसके हित में फैसला करेगा। सरकार संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर सकारात्मक है। फडणवीस ने कहा कि ट्रेड यूनियनों द्वारा की गई भूमिका राज्य सरकार की भूमिका है।