मुंबई- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि प्रशासनिक कार्य को और अधिक गतिशील और कागज रहित बनाने के लिए एक अप्रैल से राज्य भर के सभी सरकारी कार्यालयों में ‘ई-ऑफिस’ प्रणाली शुरू की जाएगी। इस बीच मुख्यमंत्री ने केंद्र की तर्ज पर राज्य में भी निर्णय के लिए सरकारी कामकाज की फाइलें चार स्तरों पर भेजने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं।
केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव वी श्रीनिवास ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से ‘वर्षा’ आवास पर मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव सुजाता सौनिक सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने राज्य में सुशासन नियमावली तैयार करने में प्रशासन का सहयोग करने के निर्देश देते हुए देश में सुशासन सूचकांक में दूसरे स्थान पर रहे महाराष्ट्र को भी राज्य में लाने का प्रयास करने के निर्देश दिए।
प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में यदि ‘ई-आफिस’ प्रणाली का प्रयोग शुरू कर दिया जाए तो काम में तेजी आएगी। साथ ही काम पूरी तरह पेपरलेस होगा, इसलिए काम आसान होगा। इसलिए मुख्यमंत्री ने एक अप्रैल से राज्य के सभी कार्यालयों में ‘ई- ऑफिस व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की. एक बार जब सभी कार्यालय ‘ई-ऑफिस’ का उपयोग करना शुरू कर देते हैं, तो कार्यशील फाइलें और दस्तावेज मोबाइल फोन पर भी देखे और स्वीकृत किए जा सकते हैं।
फाइलों का आना-जाना कम होगा
वर्तमान में मुख्यमंत्री के पास 8 विभिन्न स्तरों से निर्णय के लिए आने वाली फाइल आती है, इन अधिक स्तरों के कारण संबंधित विषयों की फाइलों पर निर्णय में देरी होती है, इसलिए डायनेमिक के लिए फाइलों के प्रस्तुतीकरण के स्तर को कम करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री शिंदे ने दिए।
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महाराष्ट्र में इस समय 450 सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं। जनता की शिकायतों पर कार्रवाई की समीक्षा खुद मुख्यमंत्री करेंगे। जिसके कारण मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा प्राप्त जन शिकायतों के निवारण के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली लागू की जाएगी। इन शिकायतों को डिजिटली ट्रैक किया जाएगा, शिकायतों पर विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी देने के लिए एक अलग डैशबोर्ड बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इन जन शिकायतों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करेंगे।