महाराष्ट्र जेलों में ड्रोन सुरक्षा- महाराष्ट्र में जेलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है. शुरुआती चरण में राज्य भर की 12 जेलों की ड्रोन से निगरानी की जाएगी. मंगलवार (19 अप्रैल) को पुणे की यरवदा जेल से इसकी शुरुआत हुई.
महाराष्ट्र की जेलों में अब गुटों में होने वाली झड़पों, पुलिस कर्मियों पर हमलो और जेल में अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन उड़ाए जाएंगे. एडीजी प्रिजन अमिताभ गुप्ता ने पुणे के यरवदा जेल में खुद ड्रोन उड़ाकर इसकी शुरुआत की.इस कदम को जेल में सुरक्षा के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है.
मिलेगी जेलों की रियल टाइम जानकारी
एडीजी प्रिजन गुप्ता ने कहा कि ड्रोन निगरानी के लिए एक कारगर प्रणाली है. महाराष्ट्र की 12 जेलों में भी अब ड्रोन से निगरानी की जाएगी. निगरानी में रात के समय भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे जेल के भीतर क्या हो रहा है, इसकी रियल टाइम जानकारी मिल पाएगी.
पायलट प्रोजेक्ट में यरवदा सेंट्रल जेल, कोल्हापुर, नासिक, संभाजीनगर, तलोजा, ठाणे, अमरावती, नागपुर, कल्याण और चंद्रपुर जेलों को शामिल किया गया है. इनमें 8 सेंट्रल जेल, 2 जिला और दो खुली जेल भी शामिल हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के बाद जेल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने वाला महाराष्ट्र देश का दूसरा राज्य बन गया है.
इससे पहले महाराष्ट्र की जेलों में बंद कैदियों को बिस्तर और तकिए की सुविधा देने की घोषणा की गई थी. हालांकि, यह योजना कुछ खास कैदियों के लिए ही है. एडीजी जेल अमिताभ गुप्ता ने इस बारे में बताया कि जेल में बंद 50 साल या उससे अधिक उम्र के कैदी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.