महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, अब सभी सरकारी कार्यालयों में गाड़ियां इलेक्ट्रिक पर चलने वाली ही होंगी

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, अब सभी सरकारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने की घोषणा

मुंबई- महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने नए साल की शुरुआत में रविवार के दिन दूसरा बड़ा फैसला किया है. एक दिन पहले ही मुंबई में 500 स्क्वायर फुट तक के घरों के प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने के बाद अब फैसला किया गया है कि राज्य सरकार 1 जनवरी 2022 से सभी सरकारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक से चलने वाली ही खरीदेगी. रेंट पर भी इलेक्ट्रिक वाहन (Electric vehicles for govt. bodies) ही लिए जाएंगे. पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने इसकी घोषणा की है.

आदित्य ठाकरे ने यह घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने यह फैसला तो पहले ही ले लिया था. लेकिन अब तक इस फैसले को 1 अप्रैल 2022 से लागू करना तय किया गया था. अब यह फैसला 1 जनवरी से ही लागू कर दिया गया है. इस फैसले के तहत राज्य की सभी सरकारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक से चलने वाली होंगी. प्रदूषण रोकने के लिए पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की यह बड़ी घोषणा है.

प्रदूषणमुक्त पर्यावरण के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को प्रोत्साहन

आदित्य ठाकरे ने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी है. उन्होंने इस फैसले की वजह स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त पर्यावरण के लिए लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्रोत्साहन देना बताया है. आदित्य ठाकरे ने कहा है कि, ‘महाराष्ट्र सरकार ने पर्यावरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता और नागरिकों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस फैसले को अब 1 अप्रैल की बजाए 1 जनवरी 2022 से ही लागू करना तय किया है. इस फैसले के तहत अब सरकारी वाहनों के लिए सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदे या भाड़े पर लिए जाएंगे.’

मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के समर्थन और सहयोग से हुआ फैसला

आगे आदित्य ठाकरे ने कहा कि, ‘पर्यावरण मंत्रालय प्रदूषण रोकने के लिए और स्वच्छ वातावरण के लिए योजनाओं को अमल में लाने की कोशिशें कर रहा है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने पर्यावरण मंत्रालय के इस मकसद को अपना समर्थन और सहयोग दिया है, इसके लिए मैं उनका आभार मानता हूं.’

EV वाहनों के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं

पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य के सभी सरकारी वाहन इलेक्ट्रिक होने के इस फैसले को एक बड़ा क्रांतिकारी फैसला माना जा रहा है. पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों की वजह से पिछले कुछ सालों से प्रदूषण बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से राष्ट्रीय स्तर पर भी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. कई कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में लगी हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) भी लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बड़ी घोषणाएं करते रहे हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों का विकल्प देश में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.

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