नई दिल्ली -महाकुंभ भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने का सबसे बड़ा माध्यम है, इसके जरिए देश-विदेश के लोग हमारी परंपराओं, रीति-रिवाजों और कलाओं से जुड़ते हैं। भारत में इसका आयोजन 12 साल के अंतराल में किया जाता है। यह चार प्रमुख स्थानों पर होता है जिनमें हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक का नाम शामिल है। इन सभी स्थानों में प्रयागराज के संगम में होने वाले महाकुंभ का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में इस स्थान को तीर्थराज कहा गया है, यहां गंगा, यमुना, और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम है, जो आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। मान्यता है कि जब भी कभी प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है, तो लाखों की संख्या में लोग स्नना करने आते हैं। इससे साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। पंचांग के अनुसार साल 2025 में प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होने वाली हैं, इसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा। इस दौरान स्नान के लिए 6 तिथियां स्नान-दान के लिए बेहद शुभ मानी जा रही है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
महाकुंभ में स्नान की सबसे महत्वपूर्ण तिथियां
महाकुंभ का पहला दिन स्नान के लिए बेहद शुभ है। यह 13 जनवरी को होगा। मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी के दिन को महाकुंभ का दूसरा स्नान है। इस दिन स्नान-दान करने से साधक को शुभ परिणामों की प्राप्ति होती हैं।
तीसरा शुभ स्नान मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को होगा। माना जाता है कि इस दिन महाकुंभ मेले में स्नान करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।चौथा स्नान 3 फरवरी को होगा। इस दिन स्नान करने से सभी समस्याओं का समापन होता है।
12 साल बाद ही क्यों लगता है महाकुंभ ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत कलश को लेकर देवताओं और दानवों के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्धि का अवधि 12 वर्ष की थी, इसलिए 12 वर्षों के बाद महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।पांचवा स्नान माघी पूर्णिमा के दिन 12 फरवरी को है। इस तिथि पर स्नान करने पर मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं, साथ ही साधक के जीवन में खुशियों का वास होता है। छठा स्नान महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को है। इस दिन उपवास रखने और महादेव की पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती हैं।
प्रयागराज में ही क्यों लगा रहा है महाकुंभ ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी गुरु ग्रह वृषभ में और सूर्य मकर राशि में होते हैं, तब महाकुंभ प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। पंचांग के अनुसार यह स्थिति साल 2024 में बन रही है। इस कारण महाकुंभ प्रयागराज में आयोजित होने वाला है।