एलपीजी गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) हमारी रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल है. कुछ दशक पहले तक इसके इस्तेमाल को लेकर डर और शंका रहा करती थी, लेकिन अब उज्जवला योजना के जरिये गरीब परिवारों में भी एलपीजी सिलेंडर इस्तेमाल होने लगा है और लोग कंफर्टेबल हो गए हैं. हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में असावधानी के कारण सिलेंडर में आग लगने और विस्फोट होने की घटनाएं भी सामने आती हैं. तो क्या इन सिलेंडर्स की भी कोई एक्सपायरी डेट होती है?
क्या आपने कभी अपने घर में इस्तेमाल हो रहे गैस सिलेंडर पर लिखे नंबरों पर गौर किया है? आप ध्यान देंगे तो सिलेंडर के ऊपरी हिस्से पर कुछ नंबर छपे हुए दिखते हैं. ये एक तरह का कोड होते हैं, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से सिलेंडर पर प्रिंट किया जाता है. इन कोड में एक तरह से ‘राज’ छिपा होता है और यही कोड बताते हैं कि ये सिलेंडर कितने समय बाद इस्तेमाल किए जाने लायक नहीं रह जाएंगे.
इन कोड्स पर गौर करेंगे तो इसकी शुरुआत अंग्रेजी के लेटर A, B, C, D से होती है. इसके बाद अंक छपे होते हैं. अंग्रेजी के लेटर्स का संबंध साल के 12 महीनों से होता है, यानी एक लेटर तीन महीने को इंगित करता है. उसके बाद जो अंक होते हैं, वह सिलेंडर निर्माण का वर्ष बताते हैं. इस तरह यह कोड बताता है कि आपके घर में जो सिलेंडर है, उसकी एक्सपायरी डेट क्या है.
A अक्षर का इस्तेमाल जनवरी, फरवरी और मार्च महीने के लिए होता है. B अक्षर अप्रैल, मई और जून को दर्शाता है. C अक्षर जुलाई, अगस्त और सितंबर को दर्शाता है, जबकि D का इस्तेमाल अक्टूबर, नबंर और दिसंबर के लिए किया जाता है. लेटर के बाद आने वाला अंक वर्ष को दर्शाता है. यानी अगर किसी सिलेंडर पर A.23 लिखा है तो उसका मतलब यह हुआ कि वर्ष 2023 की पहली तिमाही में सिलेंडर एक्सपायर होने वाला है.
जिस तरह खाने-पीने या अन्य सामानों की एक्सपायरी डेट होती है, उसी तरह इन एलपीजी सिलेंडर्स की भी एक्सपायरी डेट होती है. अब किसी सिलेंडर पर B.25 लिखा है तो इसका मतलब हुआ कि आपका सिलेंडर अप्रैल, मई या जून 2025 में एक्सपायर होने वाला है. हालांकि जरूरी नहीं कि सिलेंडर पूरी तरह इस्तेमाल के लायक नहीं रह जाते. लेकिन इनकी टेस्टिंग जरूरी होती है. यानी ये कोड सिलेंडर की रिक्वायर्ड टेस्टिंग डेट भी बताते हैं.