नई दिल्ली- संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ में दांव के फुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने के लिए केंद्रीय और एकीकृत जीएसटी कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी।लोकसभा में आज दो धन विधेयकों, केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023, और एकीकृत वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी।
राज्य को अब विधानसभा से पास करवाना होगा ये कानून
संसद से बिल के पास होने के बाद अब राज्य अपने-अपने विधानसभाओं में राज्य जीएसटी कानूनों में संशोधन वाला बिल पारित कराएंगे। यह संशोधन कैसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति के टैक्सेशन पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की अनुसूची III में एक प्रावधान शामिल करने से संबंधित हैं और आईजीएसटी अधिनियम में संशोधन ऑफशोर संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गए ऑनलाइन मनी गेमिंग पर जीएसटी देयता लगाने के प्रावधान को शामिल करने से संबंधित है।
कानून में संशोधन से होगा यह फायदा
संशोधन के बाद अब ऑफशोर संस्थाओं को भारत में जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह संशोधन, पंजीकरण और टैक्स भुगतान प्रावधानों का पालन करने में विफलता के मामले में विदेशों में स्थित ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों तक पहुंच को अवरुद्ध करने का भी प्रावधान करेगा।
केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) कानूनों में संशोधन को पिछले सप्ताह जीएसटी परिषद ने मंजूरी दे दी थी।
50वीं बैठक में लिया गया था निर्णय
जुलाई के महीने में हुई जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ में प्रवेश स्तर के दांव के फुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया था।इस निर्णय के बाद ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी कई कंपनियों ने इस निर्णय से आपत्ति जताई थी जिसके बाद दोबारा जीएसटी काउंसिल की 51वीं बैठक हुई जिसमें 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने वाला निर्णय बरकरार रखा गया।
इसी समय यह भी निर्णय लिया गया था कि इस कानून के लागू होने के 6 महीने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत टैक्स 1 अक्टूबर से लागू होगा।