अकोला – निराधार योजना के लाभार्थियों को मिलने वाले अनुदान में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है. बैंक में अनुदान भेजने के बाद भी खाता नंबर गलत होने से कई लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. ऐसे में अब नए साल में जनवरी से निराधार योजना के लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे सब्सिडी की रकम जमा की जाएगी. इस प्रावधान का लाभ अकोट तहसील के 22 हजार लाभार्थियों को होगा और उनके खाते में तत्काल राशि जमा हो जाएगी.
संजय गांधी निराधार योजना, श्रवण बाल सेवा राज्य पेंशन योजना के लाभार्थियों को सरकार द्वारा मासिक सब्सिडी दी जाती है. इस अनुदान की राशि पहले तहसील कार्यालय के माध्यम से संबंधित लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाती थी. हर माह तहसील कार्यालय में उनके खाता नंबर देकर सूचियां अपडेट की जाती थीं और सब्सिडी राशि का चेक संबंधित बैंक को भेजा जाता था. चेक राशि बैंक में जमा करने के बाद बैंक, प्रत्येक लाभार्थी के खाते में सब्सिडी राशि जमा कर देता था. इसमें काफी समय लगने के कारण लाभार्थियों को समय पर अनुदान नहीं मिल पा रहा था. इसलिए सरकार ने अब सब्सिडी की रकम सीधे लाभार्थी के खाते में जमा करने का आदेश दिया है.
डीबीटी पोर्टल के माध्यम से मानधन दिया जाएगा
इस आदेश पर तहसील कार्यालय ने अमल शुरु कर दिया है. जनवरी से डीबीटी प्रक्रिया के तहत लाभार्थी के खाते में सब्सिडी की राशि जमा की जाएगी.शासन की संजय गांधी निराधार अनुदान योजना और श्रावण बाल योजना के लाभार्थियों को अब डीबीटी पोर्टल के माध्यम से मानधन दिया जाएगा. इसके लिए आधार कार्ड को मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य किया गया है. जिले के कई लाभार्थियों ने अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है. इसका परिणाम यह हो सकता है कि उन्हें हर महीने मिलने वाला 1500 रुपये का अनुदान बंद हो जाएगा.
सभी लाभार्थियों से जल्द से जल्द आधार सीडिंग प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया गया है. निराधार योजना के नए लाभार्थियों को पर्याप्त दस्तावेज नहीं होने के कारण अब तक लाभ नहीं मिल पाया है. इसलिए इस योजना में नए आवेदनों की मंजूरी के बाद उन्हें शुरु से ही सब्सिडी की राशि भी सीधे उनके खाते में मिलेगी. सरकार और लाभार्थियों के बीच सेतु बन जाने से लाभार्थियों को काफी राहत मिली है.