LIC के पास 881 करोड़ रुपए की अनक्लेम्ड मनी

मुंबई- भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 880.93 करोड़ रुपए की अनक्लेम्ड मैच्योरिटी की रकम थी। सरकारी जानकारी के मुताबिक कुल 372,282 पॉलिसीधारकों ने अपने मैच्योरिटी बेनिफिट को क्लेम नहीं किया है। यानी पॉलिसी मैच्योर होने के 3 साल बाद भी किसी ने उस पर दावा नहीं किया है।ऐसे में अगर आपको लगता है कि आपके परिवार के किसी व्यक्ति ने LIC की पॉलिसी ली थी, जो मैच्योर हो गई है लेकिन उसका पैसा नहीं मिला है। ऐसे में आप उस पॉलिसी की रकम के लिए क्लेम कर सकते हैं।

अनक्लेम्ड मैच्योरिटी के बारे में पता करने की प्रोसेस

  • एलआईसी की वेबसाइट https://licindia.in/home पर जाएं
  • होमपेज पर ग्राहक सेवा पर क्लिक करें।
  • इस पर जाकर पॉलिसीधारकों की अनक्लेम्ड रकम का विकल्प चुनें।
  • पॉलिसी नंबर, नाम, जन्म तिथि और पैन कार्ड नंबर जैसे आवश्यक विवरण दर्ज करें।
  • इसके बाद आपको अनक्लेम्ड मैच्योरिटी वाली पॉलिसी की जानकारी मिल जाएगी।

नियमों के मुताबिक जिन पॉलिसी की मैच्योरिटी की रकम पर किसी ने क्लेम नहीं किया है उसे अनक्लेम्ड खाते में डाल दिया जाता है। रकम 10 साल तक अनक्लेम्ड रहती है तो उसे वरिष्ठ नागरिक कल्याण फंड में डाल दिया जाता है। यह पैसा बुजुर्गों की देखभाल में खर्च किया जाता हैं।

अनक्लेम्ड जमाराशि का दावा कैसे करें?

किसी भी एलआईसी दफ्तर से क्लेम फॉर्म प्राप्त करें या आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करें। फॉर्म भरने के बाद पॉलिसी दस्तावेज, प्रीमियम रसीदें और यदि लागू हो तो मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें। पूरा भरा हुआ फॉर्म दस्तावेजों के साथ LIC दफ्तर में जमा करें। LIC आपके दावे की समीक्षा करेगी और स्वीकृत होने पर, वह आपकी अनक्लेम्ड रकम राशि जारी कर देगी।

25 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास LIC की पॉलिसी

1956 तक भारत में 154 भारतीय इंश्योरेंस कंपनियां, 16 विदेशी कंपनियां और 75 प्रोविडेंट कंपनियां काम करती थीं। 1 सितंबर 1956 को सरकार ने इन सभी 245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करके भारतीय जीवन बीमा निगम, यानी LIC, की शुरुआत की। अभी 25 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास LIC की पॉलिसी है।

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