नई दिल्ली: गाड़ी चलाते वक्त आपने टायर को फटते हुए देखा होगा. यहां तक कि अगर प्रेशर कम ज्यादा हो जाए, तो भी टायर फट जाते हैं. कई बार टायर फटने से बड़े-बड़े हादसे भी हो जाते हैं. यहां तक कि अगर ज्यादा वजन डाला जाए, तो भी टायर फट जाते हैं. वहीं, अगर ज्यादा स्पीड हो तो घर्षण से टायर में आग भी लग जाती है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि टन भर वजन के साथ जब हवाई जहाज लैंड करता है, तो उनके टायर क्यों नहीं फटते. दरअसल, इसके पीछे साइंस और तकनीक का कमाल है. आइए जानते हैं…
स्पेशल टायर का होता है इस्तेमाल
दरअसल, जब कोई हवाई जहाज लैंड करता है, तो स्पीड 250 से 300 किमी के बीच होती है. लेकिन उसके टायर घर्षण और दबाव दोनों झेल जाते हैं, क्योंकि ये सामान्य गाड़ियों के टायर्स से बिल्कुल अलग होते हैं. हवाई जहाज के स्पेशल टायर्स रबड़, एल्युमीनियम और स्टील को एक साथ मिलकार बनाए जाते हैं. यहां तक कि इनमें सामान्य गाडियों के टायरों से 6 गुना ज्यादा हवा भरी जाती है.
क्यों नहीं लगती आग?
आपने सुना होगा कि अक्सर हाईवे पर ड्राइव करने वाले अपने टायर में नाइट्रोजन गैस भरवाते हैं. ठीक इसी तरीके से हवाई जहाज के टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है, जो अन्य गैस की तुलना में सूखी और हल्की भी होती है. इस पर तापमान का असर नहीं पड़ता है और आग नहीं लगती है. ये गैस ऑक्सीजन से क्रिया भी नहीं करती. इसलिए तेज रफ्तार के बाद भी गर्म हो कर नहीं फटते हैं.
कितनी होती है लाइफ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हवाई जहाज में टायर का इस्तेमाल एक बार में 500 बार टेकऑफ और लैंडिंग की जाती है. इसके बाद इसमें ग्रिप चढ़ाई जाती है. एक टायर पर अधिकतम 7 बार ग्रिप चढ़ाई जाती है. ऐसे में टायर ज्यादा से ज्यादा 3500 बार टैकऑफ और लैंडिंग कर पाते हैं.