नई दिल्ली -भारत में ट्रेन यात्रा एक जरुरी परिवहन साधन है, जो न केवल देश के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ता है, बल्कि इसके माध्यम से लाखों लोग रोजाना अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. भारतीय रेलवे में तेज गति वाली ट्रेनों का प्रचलन तेजी बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही कई ऐसी ट्रेनें भी हैं, जो अपनी धीमी रफ्तार के कारण चर्चा में रहती हैं. इनमें से कुछ ट्रेनें तो अपनी खास वजहों से धीमी रफ्तार से चलती हैं, जबकि कुछ की धीमी गति का कारण इंजन और पटरियों की स्थिति होती है. अगर हम भारत की सबसे धीमी रफ्तार वाली ट्रेन की बात करें, तो उसका नाम है वायनाड एक्सप्रेस.
ये है भारत की सबसे धीमी ट्रेन
वायनाड एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन मानी जाती है. यह ट्रेन केरल और कर्नाटक के बीच चलती है और खासतौर पर वायनाड जिले से जुड़ी होती है. यह ट्रेन भारतीय रेलवे के दक्षिणी क्षेत्र में चलती है. वायनाड एक्सप्रेस की खासीयत यह है कि इसकी औसत रफ्तार केवल 40 किलोमीटर प्रति घंटे के आस–पास होती है, जो दूसरी ट्रेनों की तुलना में काफी धीमी है.
क्यों इतनी धीरे चलती है वायनाड एक्सप्रेस?
वायनाड एक्सप्रेस की रफ्तार को धीमा करने के कई कारण हैं. इनमें से सबसे खास कारण पटरियों की स्थिति और इलाके की कठिनाइयां हैं. यह ट्रेन हिल स्टेशन वाले इलाकों और घुमावदार रास्तों से होकर गुजरती है, जहां ट्रेन की रफ्तार को बढ़ाना तकनीकी रूप से मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा, इस ट्रेन के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इंजन और इंजन की क्षमता भी अन्य तेज गति वाली ट्रेनों की तुलना में बहुत कम होती है.
इसके अलावा, ट्रैक की मरम्मत की कमी, खराब मौसम और भारी ट्रैफिक भी वायनाड एक्सप्रेस की धीमी गति से चलने का कारण है. इन कारणों के चलते ट्रेन की रफ्तार को नियंत्रित किया जाता है, ताकि यात्रा सुरक्षित और बिना किसी हादसे के पूरी हो सके