Thursday, May 15, 2025

 ज्येष्ठ माह के प्रमुख व्रत और त्योहार, शनि जयंती से वट सावित्री तक पढ़ें पूरी सूची

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह का आरंभ 13 मई से हो चुका है और यह 11 जून तक चलेगा। यह महीना विशेष रूप से गर्मी के मौसम में आता है, जब सूर्य का प्रचंड तापमान बढ़ जाता है और नदी-तालाब सूखने लगते हैं। ऐसे में जल का महत्व इस महीने में विशेष रूप से बढ़ जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। वरुण देव जल के देवता माने जाते हैं, सूर्य देव अग्नि के और हनुमान जी को कलियुग के देवता के रूप में पूजा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में भी इस माह का महत्वपूर्ण स्थान है, और इस पवित्र समय में पूजा-पाठ, दान-धर्म करने से ग्रह दोषों से मुक्ति प्राप्त होती है।  ज्येष्ठ माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जो धार्मिक आस्थाओं और सांस्कृतिक परंपराओं के हिसाब से विशेष महत्व रखते हैं। इस माह में हर साल की तरह एकादशी, प्रदोष व्रत, पूर्णिमा, नारद जयंती, शीतलाष्टमी, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे प्रमुख पर्व आते हैं, जो विशेष रूप से तप, उपवास और पूजा-पाठ का महत्व बढ़ाते हैं।
ज्येष्ठ माह 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहारों की सूची
 
  • 13 मई 2025 – ज्येष्ठ माह का प्रारंभ
  • 14 मई 2025 – वृषभ संक्रांति
  • 16 मई 2025 – एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
  • 20 मई 2025 – मासिक कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
  • 23 मई 2025 – अपरा एकादशी
  • 24 मई 2025 – शनि प्रदोष व्रत
  • 25 मई 2025 – मासिक शिवरात्रि
  • 26 मई 2025 – वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
  • 27 मई 2025 – शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत
  • 29 मई 2025 – महाराणा प्रताप जयंती
  • 30 मई 2025 – विनायक चतुर्थी
  • 1 जून 2025 – स्कन्द षष्ठी
  • 3 जून 2025 – धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
  • 4 जून 2025 – महेश नवमी
  • 5 जून 2025 – गंगा दशहरा
  • 6 जून 2025 – निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
  • 8 जून 2025 – प्रदोष व्रत
  • 10 जून 2025 – वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
  • 11 जून 2025 – ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान, कबीरदास जयंती

ज्येष्ठ माह का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसी महीने में भगवान श्रीराम से हनुमान जी की मुलाकात हुई थी। इसलिए इस माह में मंगलवार का व्रत रखने से व्यक्ति को विशेष आशीर्वाद और लाभ मिलता है। साथ ही, बजरंगबली की पूजा और अर्चना से जीवन के कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।इस पवित्र माह में जल का विशेष महत्व है, और जल संरक्षण एवं पेड़-पौधों को जल देने से न सिर्फ कष्टों का नाश होता है, बल्कि पितर भी प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इस समय दान और धार्मिक कार्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, जरूरतमंदों और पशु-पक्षियों को पानी पिलाने से विशेष लाभ मिलता है, जो आस्था और जीवन के सकारात्मक बदलाव का कारण बन सकता है।

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