पहलगाम आतंकी हमले में 27 की मौत, संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी

पहलगाम-22 अप्रैल 2025 को दोपहर 1.30 बजे पहलगाम में जब पर्यटकों पर आतंकवादियों ने हमला किया तब दो प्रमुख बातें हुई थी. एक तो आतंकवादियों ने सेना जैसी वर्दी पहनी थी और मास्क लगाया हुआ था. दूसरी यह कि उन्हें धर्म पूछकर और कलमा पढ़वाकर गोली मारी गई. पर्यटन के मौसम में अचानक कश्मीर के इस घटनाक्रम के बाद घाटी में रहने वाले या फिर वहां घूमने के लिए जाने वाले हिंदुओं में डर फैल गया है. घटना बैसरन घाटी की है। यह पहलगाम शहर से 6 किलोमीटर दूर है। आतंकियों ने हनीमून मनाने गए यूपी के शुभम से नाम पूछा, फिर गोली मार दी। यह देखकर युवक की पत्नी बेसुध हो गई। जबकि आतंकी फायरिंग करते हुए भाग निकले।हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग द रजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। मरने वालों में एक यूएई और एक नेपाल का टूरिस्ट भी है। जबकि दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक हरियाणा, यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं।

 सभी 1989 में शुरू हुए उस दौर को याद कर रहे हैं, जब कश्मीरी पंडितों को डरा-धमकाकर जम्मू-कश्मीर से बाहर निकालना शुरू किया गया था. उन्हें घर छोड़कर जाने की धमकियां दी गई. ये सारा अभियान जेकेएलएफ और हिजबुल के नेतृत्व में किया गया. इनका साथ घाटी की आम जनता, खासतौर से युवाओं ने भी दिया. वो समय है और आज का समय है, घाटी में आज भी कश्मीरी पंडित वापस लौट नहीं पाए हैं.

कहां और  कैसे हुआ हमला?

श्रीनगर से 90 किलोमीटर की दूरी पर है पहलगाम। यहां से छह किलोमीटर दूर है बायसरन घाटी, जहां पहुंचने में 30 मिनट का वक्त लगता है। इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। यहां घास के मैदान हैं। एक तरफ देवदार के घने जंगल हैं। यहां पर्यटक तुलियन झील तक ट्रैकिंग करने के लिए भी आते हैं। यहां पैदल रास्ते या खच्चरों पर बैठकर ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहीं पर हमला हुआ।यहां अलग-अलग राज्यों के पर्यटक और विदेशी सैलानी मौजूद थे। घटनास्थल पर खानपान के कुछ ठिकाने बने हुए हैं। कुछ पर्यटक वहां भेलपुरी खा रहे थे। कुछ पर्यटक खच्चरों के जरिए आवाजाही कर रहे थे। कुछ मैदान में बैठकर पिकनिक कर रहे थे।

मंगलवार दोपहर तीन बजे जंगल के रास्ते सेना की वर्दी में आतंकी आए और उन्होंने पर्यटकों से परिचय-पत्र मांगना शुरू कर दिया। परिचय-पत्र से उन्होंने पर्यटकों का मजहब जाना। बताया जा रहा है कि जो पर्यटक हिंदू थे, आतंकियों ने उन्हें गोलियां मारनी शुरू कर दीं। हालांकि, मरने वालों में कुछ विदेशी भी हैं। स्थानीय दुकानदारों और पर्यटकों ने पेड़ों के पीछे जाकर अपनी जान बचाई।

प्रारंभिक जांच में क्या-क्या आया सामने –

  • कुछ आतंकियों के हेलमेट पर कैमरे लगे थे.
  • आतंकियों ने हमले की वीडियोग्राफी की और उसे अपने आकाओं के पास भेजी.
  • तीन आतंकवादियों ने पुरुष और महिलाओं को अलग किया.
  • फिर पहचान सुनिश्चित की गई की हिन्दू हैं या मुसलमान.
  • सारे आतंकी सामने नहीं आए थे.
  • कुछ लोगों को आतंकवादियों ने स्नाइपर फायर की तरह दूर से भी गोली मारी.
  • कई लोगों की जान खून ज़्यादा बह जाने के कारण गई.
  • ऐसा लगता है कि हमले के लिए इस जगह को जानबूझकर चुना गया था.
  • जगह की वजह से बचाव में समय लगेगा और इसलिए हताहतों की संख्या ज्यादा होगी.

किसने ली पहलगाम हमले की जिम्मेदारी –

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली है. लश्कर और ओवर ग्राउंड वर्कर की भी मदद ली गई. टीआरएफ के ये आतंकी हिट एंड रन की तकनीक पर काम करते हैं. आतंकियों ने पहले घाटी में रेकी की होगी और इसके बाद पर्यटकों को निशाना बनाया.

आतंकी हमले में मरने वालों की लिस्ट जारी 

यूपी, महाराष्ट्र, बंगाल, एमपी, पहलगाम आतंकी हमले में कहां से कौन मारा गया, पूरी लिस्ट

आतंकियों ने किस रास्ते से भारत में ली एंट्री –

रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी भारत में दो हफ्ते पहले ही आ गए थे. आतंकियों ने पीर पंजाल की पहाड़ियों से होते हुए राजौरी और फिर वधावन का रास्ता चुना. इसके बाद पहलगाम पहुंचे. इस इलाके में बड़ी संख्या में गुज्जर बकरवाल की आबादी है.

संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी

सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम हमले के संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। एजेंसियों ने हमले के चश्मदीदों की मदद से ये स्केच बनाए हैं। एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि इस हमले में आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा शामिल थे। हालांकि, कौन सी तस्वीर किसकी है, यह साफ नहीं हो पाया है।

स्केच 1
स्केच 1
स्केच 2
स्केच 2
स्केच 3
स्केच 3

पुलगांव में फंसे पुणे के 67 पर्यटक, महाराष्ट्र सरकार से वापसी की अपील

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पुणे जिले के उरुली कांचन इलाके से जम्मू-कश्मीर यात्रा पर गए 67 पर्यटक पुलगांव में फंस गए हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। पर्यटकों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार से सुरक्षित वापसी की अपील की है।

35 साल में पहली बार आतंक के खिलाफ कश्मीर बंद

35 साल में पहली बार आतंकवाद के खिलाफ कश्मीर पूरी तरह बंद है। लोग सड़को पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। दुकाने, निजी स्कूल, कॉलेज समेत पेट्रोल पंप बंद। गुस्साए लोग सड़को पर भारत के झंडे थामे पहुंचे। पाकिस्तान के झंडे और टायर जलाए। सड़को पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इससे देश-दुनिया के लोग पहलगाम में फंसे अपनों का हालचाल जान सकते हैं।

मदद के लिए निम्न नंबरों पर कॉल कर सकते हैं।

  • इमरजेंसी कंट्रोल रूम- श्रीनगर: 0194-2457543, 0194-2483651
  • आदिल फ़रीद, एडीसी श्रीनगर – 7006058623
  • वहीं अनंतनाग पुलिस ने भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए। मोबाइल नंबर 9596777669 और फोन नंबर 01932225870 पर अपनों की इन्फोर्मेशन ली जा सकती है। इसके साथ ही 9419051940 नंबर पर व्‍हॉट्सएप किया जा सकता है।

हमले के बाद किसने क्या कहा?

  • – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल सऊदी अरब के दौरे पर हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा- मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा…उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।
  • – इससे पहले पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जानकारी ली थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने गृह मंत्री को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का निर्देश दिया था।
  • – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कायराना आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। साजिशकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई होगी और उन्हें कठोरतम परिणाम भुगतने होंगे।
  • – लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय अब जवाबदेही लेते हुए ठोस कदम उठाए ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने पाएं और निर्दोष भारतीय यूं अपनी जान न गंवाएं।
  • – पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मेरा गृह मंत्री से यही आग्रह है कि एक जांच बैठाई जाए और इसकी जांच हो कि इस घटना के पीछे कौन लोग हैं? उनका क्या मकसद था? हमारी सुरक्षा एजेंसियों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम छह साल से बोलते आ रहे हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। अफसोस की बात है कि दिल्ली में बैठे लोगों को अभी भी समझ नहीं आ रहा है यहां जमीनी हकीकत क्या है। यह सिर्फ इन पर्यटकों पर हमला नहीं है ये जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक पर हमला है, ये कश्मीरियत पर हमला है।

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