IT इंपोर्टर को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी
DGFT इंपोर्ट को रेगुलेट करने के लिए एक नई व्यवस्था ‘इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम’ लेकर आ रहा है। इसमें कंपनियों को केवल इस पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा। जिसमें सरकार 3 पैरामीटर के जरिए इंपोर्ट की जांच करेगी।
- IT प्रोडक्ट की पिछले एक साल या 3 साल की एवरेज इंपोर्ट वैल्यू
- IT हार्डवेयर डिवाइसेस की डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग
- इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का एक्सपोर्ट
IT पार्ट्स के इंपोर्ट के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं
IT हार्डवेयर इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर से मुलाकात कर इंपोर्ट मैनेजमेंट के नियमों पर चर्चा की। इसमें डेल, सैमसंग, इंटेल, आसुस, एसर और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) और मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फॉर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MAIT) के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
इस सिस्टम को DGFT मैनेज करेगा।IT हार्डवेयर इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर से मुलाकात कर इंपोर्ट मैनेजमेंट के नियमों पर चर्चा की।
कोई मैन्युफैक्चरर कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के पार्ट्स को इंपोर्ट कर स्पेशल इकोनॉमिक जोन में असेंबलिंग करता है, तो यह फुली असेंबल कैटेगरी में नहीं रखा जाएगा। इसलिए ऐसे मैन्युफैक्चरर को मैनेजमेंट पोर्टल पर रजिस्टर भी नहीं करना होगा।
MeitY राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा- 80% सप्लाई इंपोर्ट के जरिए
22 अगस्त को MeitY के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया था कि डिजिटल इकोसिस्टम में हमारी 80% सप्लाई इंपोर्ट से आती है। उन्होंने कहा था कि रजिस्टर करने की व्यवस्था के जरिए सरकार पता लगाना चाहती है कि सोर्स विश्वसनीय हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि अभी हमारी 8 से 10% सप्लाई देश के अंदर से आती है, जिसे हम अगले 3 साल में 65 से 70% करना चाहते हैं।