नई दिल्ली– पिछले कुछ दिनों से दो शोरूम और 8 कर्मचारियों वाली रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल ओवरसब्सक्रिप्शन की वजह जबरदस्त चर्चा में था। इसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स भी दो खेमों में बंट गए थे। लेकिन, 418 गुना अधिक सब्सक्राइब होने वाले आईपीओ ने लिस्टिंग पर निवेशकों को एकदम निराश कर दिया।
कैसी रही आईपीओ की लिस्टिंग?
रिसोर्सफुल ऑटो का आईपीओ 117 रुपये के भाव पर जारी हुआ था। इसकी BSE SME पर एंट्री फ्लैट रही यानी यह 117 रुपये के भाव पर ही लिस्ट हुआ और निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला। उलटे लिस्टिंग के बाद लोअर सर्किट लगने से निवेशकों का नुकसान और हो गया। यह 5 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 111.15 रुपये पर बंद हुआ। इसका मतलब कि जिन निवेशकों को आईपीओ अलॉट हुआ था, वो अब 5 फीसदी के नुकसान में हैं।
Resourceful Auto IPO सब्सक्रिप्शन
दिल्ली की रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल 12 करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी। यह सब्सक्रिप्शन के लिए 22-26 अगस्त तक खुला था। यह ओवरऑल 418.82 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए आरक्षित हिस्सा 496.22 गुना भरा था। रिसोर्सफुल ऑटो आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल दिल्ली-एनसीआर में नए शोरूम खोलने, कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी।
क्या करती है
रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल साहनी ऑटोमोबाइल के तहत यामाहा के दोपहिया बाइक बेचती है। कंपनी के पास दो शोरूम हैं- एक द्वारका में द ब्लू स्क्वॉयर शोरूम और दूसरा पालम रोड पर। रिसोर्सफुल ऑटो के पास मार्च 2024 तक 8 स्थायी कर्मचारी थे। कंपनी की वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। रिसोर्सफुल ऑटो का रेवेन्यू और प्रॉफिट में बड़ा उछाल आया है। लेकिन, कंपनी पर कर्ज भी 2.70 करोड़ रुपये से बढ़कर 9.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।