नई दिल्ली- 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष यानी 2024-25 की शुरुआत हो जाएगी। यह दिन पर्सनल फाइनेंस के लिहाज से काफी अहम होता है, क्योंकि टैक्स से जुड़े कई बदलाव इसी दिन से लागू होते हैं। बजट में हुए बहुत से एलान भी 1 अप्रैल से ही अमल में लाए जाते हैं।इस बार भी टैक्स स्लैब, बीमा पॉलिसी और स्टैंडर्ड डिडक्शन से जुड़े कुछ नए नियम 1 अप्रैल से लागू होने वाले हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये टैक्स बदलाव क्या हैं और इनका आपकी जेब पर क्या असर होगा।
नया डिफॉल्ट टैक्स रिजीम
अगर आपने पुरानी टैक्स व्यवस्था और नई टैक्स व्यवस्था में से कोई नहीं चुना है, तो आप आज से ऑटोमैटिक न्यू टैक्स रिजीम में चले जाएंगे।ई टैक्स व्यवस्था में आपको 7 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन, अगर आप निवेश करके टैक्स बचाना चाहते हैं, आपके लिए पुराना टैक्स रिजीम बेहतर होगा l
स्टैंडर्ड डिडक्शन अब न्यू टैक्स रिजीम में
पहले सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम में 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू था। अब इसे न्यू टैक्स रिजीम में शामिल कर दिया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50 हजार रुपये पर टैक्स छूट मिलती है, मतलब कि आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद साढ़े सात लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इस छूट से कुछ लोगों को इतना फायदा हो जाता है कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए की रिबेट के साथ उन पर कोई टैक्स नहीं लगता। 5 लाख रुपये से कम की टोटल कुल कमाई वालों को 87A से 12,500 रुपये तक की छूट मिल जाती है।
प्राइवेट नौकरी वालों को टैक्स में फायदा
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और कम छुट्टियां लेते हैं, तो आपको छुट्टियों के बदले मिलने वाले पैसों पर ज्यादा टैक्स छूट मिलने वाली है। पहले अगर कोई गैर-सरकारी कर्मचारी अपनी बची छुट्टियों के बदले कंपनी से पैसा लेता था, तो बस 3 लाख रुपये तक की रकम ही टैक्स-फ्री होती थी। लेकिन, अब यह लिमिट 25 लाख रुपये तक कर दी गई है।
5 करोड़ से अधिक कमाई वालों काभी ज्यादा बचेगा टैक्स
आज से 5 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आमदनी वालों को भी तगड़ा फायदा होगा। सरकार ने 5 करोड़ से अधिक की आमदनी पर लगने वाले सरचार्ज में 12 फीसदी की कमी की है। पहले यह 37 फीसदी था, जो 1 अप्रैल से 25 फीसदी हो जाएगा। यह फायदा उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो नई टैक्स व्यवस्था को चुनेंगे।