इंस्टाग्राम-यूट्यूब पर नहीं दे पाएंगे मनमाना ज्ञान, सरकार ने इस विषय में जारी की गाइडलाइन

नई दिल्ली– सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन से इंफ्लूएंसर्स का कल्चर भी बढ़ा है. ये इंफ्लूएंसर्स सेलेब्रिटी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर स्वस्थ्य रहने के लिए देशी से लेकर कैमिकल प्रोडक्ट्स और अलग-अलग तरह की डाइट लेने की सलाह अपने फॉलोवर्स को देते हैं.ऐसे में अब इसपर लगाम कसने की तैयारी सरकार ने कर ली है.गाइडलाइंस के अनुसार अब खुद को हेल्थ एक्सपर्ट बताने वाले ये सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बिना डिस्क्लेमर के न ही कोई मनमाना ज्ञान अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा कर पाएंगे और न ही कोई प्रोडक्ट का प्रचार कर सकेंगे.

मेडिकल प्रैक्टिशनर, हेल्थ और फिटनेस एक्सपर्ट्स को अब स्वास्थ्य से जुड़े दावे करने और प्रोडक्ट्स का प्रचार करते वक्त अपना सर्टिफिकेट साझा करना होगा.कंज्यूमर अफेयर यानी उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया कि स्वास्थ्य और आयुष मंत्रालय के अलावा संबंधित एजेंसियों से चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया है.

इंफ्लूएंसर्स को देना होगा डिस्क्लेमर

सेलिब्रिटी और इंफ्लूएंसर्स खुद को हेल्थ एक्सपर्ट और मेडिकल प्रैक्टिशनर बताते हैं, उन्हें स्वास्थ्य से जुड़े दावे करते वक्त अपने व्यक्तिगत विचारों और पेशेवर सलाह के बीच साफ-साफ अंतर बताना होगा. इसी के साथ-साथ उन्हें बिना मजबूत तथ्यों के स्वास्थ्य से जुड़े दावे करने से भी बचना होगा. गाइडलाइन में ये कहा गया है कि इंफ्लूएंसर्स को डिस्क्लेमर देना होगा कि उनके कंटेंट को पेशेवर एक्सपर्ट्स की सलाह के विकल्प के तौर पर न लिया जाए.

इसी के साथ किसी प्रोडक्ट के प्रचार के दौरान उन्हें अपने फॉलोवर्स को ये भी बताना होगा कि इनका उपयोग करने से पहले वो मेडिकल एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें. ये डिस्क्लेमर उन्हें प्रमोशन के साथ-साथ किसी भी तरह के स्वास्थ्य से जुड़े दावे करते वक्त देना होगा. इस गाइडलाइन में उन लोगों को राहत दी गई है, जो किसी खास प्रोडक्ट के सेवन की सलाह देने की जगह स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी आम बातें बताते हों, जिसे स्वस्थ्य रहने के लिए अपनाया जाता है. जैसे नियमित पानी पीना और खुद को हाइड्रेटेड रखना, एक्सरसाइज करना और स्क्रीन टाइम कम करना.

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