मेट्स के तहत ऑस्ट्रेलिया हर साल भारत के 3000 युवा पेशेवरों को बिना वीजा अधिकतम आठ वर्ष ऑस्ट्रेलिया में काम करने का विकल्प देगा। इसके अलावा भारतीय छात्र वीजा प्रायोजक के बिना भी ऑस्ट्रेलिया में दो साल बिता सकेंगे। मेट्स असल में एक अस्थायी वीजा कार्यक्रम है, जो इंजीनियरिंग, माइनिंग, वित्तीय प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियर इंटैलिजेंस, सूचना एवं संचार तकनीक, कृषि प्रौद्योगिकी, नवीकरण ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के स्नातकों को ऑस्ट्रेलिया में काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
15 दिन में अधिकतम 48 घंटे काम
नए वीजा नियमों के तहत 1 जुलाई से सभी छात्र वीजा धारक 15 दिन में अधिकतम 48 घंटे काम कर पाएंगे। हालांकि, वृद्धों की देखभाल में इस तरह की कोई समय सीमा लागू नहीं की गई है। इस नियम का मकसद छात्रों को अपनी शिक्षा के प्रति गंभीर बनाना है।