नई दिल्ली- भारतीय रेलवे की तरफ से लिए गए नए फैसले को सुनकर आप चौंक जाएंगे. रेलवे ने अपनी बाकी प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का निर्णय लिया हैं. आने वाले समय में इनका ठेका प्राइवेट वेंडर्स को दिया जा सकता है. रेलवे बोर्ड की तरफ से यह फैसला डिजिटल इंडिया (Digital India) की तरफ एक कदम और बढ़ाते हुए लिया गया. 2017 में तत्काली रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल के कार्यकाल के दौरान ऐसा फैसला किया गया जिसमें रेलवे की तरफ से संचालित प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने की बात हुई.
प्रिंटिंग का पूरा ठेका प्राइवेट वेंडर्स को दिया जाएगा
इन प्रिंटिंग प्रेस को बंद किये जाने पर प्रिंटिंग का पूरा ठेका प्राइवेट वेंडर्स को दिया जाएगा. इसके बाद प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने की तैयारी की गई. उस समय बंद हुई प्रिंटिंग प्रेस के बाद कुछ संचालित थी. अब इनको भी बंद करने का फैसला लिया जा रहा है. खबरों के अनुसार रेलवे मिनिस्ट्री ने कुल 14 प्रिंटिंग प्रेस में से 9 को बंद करने का निर्णय लिया. बाकी 5 प्रिंटिंग प्रेस को रेलवे ने अपने नियंत्रण में रखा. इन प्रिंटिंग प्रेस को भी रेलवे की तरफ से अब बंद करने का निर्णय लिया गया है.
जून 2019 के पत्र में प्रेस को बंद करने की बात कही
पिछले दिनों रेलवे की तरफ से एक आदेश में कहा गया कि भायखला मुंबई, हावड़ा, शकूरबस्ती-दिल्ली, रोयापुरम चेन्नई और सिकंदराबाद में चल रही प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का फैसला किया गया है. इसके 4 जून 2019 के पत्र में प्रेस को बंद करने की बात कही गई थी. इन खबरों के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आने वाले समय में रेलवे के टिकट कैसे छापे जाएंगे?
इसके लिए सरकार की कोशिश आने वाले समय में प्राइवेट प्रिंटर को टेंडर देने की है. प्राइवेट प्रिंटिंग प्रेस में ही टिकट छापने और अन्य सामग्री तैयार करने का ठेका दिया जाएगा. रेलवे अब केवल ट्रेनों के परिचालन पर फोकस करने का मन बना रहा है. रेलवे की तरफ से जारी आंकड़ों सबसे ज्यादा आरक्षित टिकट ई-टिकटिंग के जरिये बुक किए जाते हैं. इसके अलावा 81 प्रतिशत टिकट्स ई-टिकटिंग के माध्यम से डिजिटली बुक होते हैं.