Indian Railway: इंडियन रेलवे के लिए साल 2022 बहुत अच्छा साबित हुआ है. जहां एक तरफ रेलवे ने माल ढुलाई के जरिए तगड़ी कमाई की है, दूसरी तरफ रेलवे ने मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है. रेलवे ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में शुरू के आठ महीनों में ही नया रिकॉर्ड बना लिया है.
रेलवे ने इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव यानी इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनाने के मामले में जबरदस्त तेजी दिखाई है. रेलवे मिनिस्ट्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 1 अप्रैल से लेकर 30 नवंबर 2022 तक कुल 614 इलेक्ट्रिक रेल इंजन का निर्माण रेलवे द्वारा किया गया है. ऐसे में खास बात ये हा कि पिछले साल की तुलना में इस साल रेलवे ने करीब 25.3 फीसदी ज्यादा रेल इंजनों का निर्माण कराया है.
पिछले साल इस अवधि में केवल इतने रेल इंजन का हुआ निर्माण
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में रेलवे ने कुल 490 इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माण किया था. इन सभी इंजनों का निर्माण वाराणसी के बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW), चित्तरंजन के चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) और पटियाला के पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स (PLW) में किया गया था. वहीं इस साल की बात करें तो रेलवे के मैन्युफैक्चरिंग में जबरदस्त तेजी देखी गई है. इस साल रेलवे ने 8 महीनों में ही 614 इलेक्ट्रिक इंजन का निर्माण कर लिया है.
रेलवे ने माल ढुलाई में बनाया नया रिकॉर्ड
इस साल रेलवे ने माल ढुलाई (Railway Freight) के मामले में भी नया रिकॉर्ड बनाया है. रेलवे देश की माल ढुलाई में एक बेहद अहम भूमिका निभा रहा है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे ने 6 दिसंबर 2022 को 100.2 करोड़ टन सामान की माल ढुलाई का आंकड़ा पार कर लिया है. इसके जरिए रेलवे ने 1,08,593 करोड़ रुपये की कमाई की है. वहीं साल 6 दिसंबर तक रेलवे ने कुल 92.64 करोड़ टन माल ढुलाई की थी. ऐसे में इस साल इस आंकड़े में कुल 8.25 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है.
रेलवे की यात्री किराए से होने वाली कमाई में भी इजाफा-
इस साल रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कमाई में बढ़ोतरी के साथ-साथ ही यात्री किराए से होने वाली कमाई में भी 76 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रेलवे ने 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2022 तक किराए के जरिए 43,324 करोड़ रुपये की कमाई की है. वहीं पिछले साल यह आंकड़ा केवल 24,631 करोड़ रुपये का था. ऐसे में इस साल यह कमाई 76 फीसदी ज्यादा है.