भारतीय रेलवे के कुछ नियम ऐसे हैं, जिसके बारे में आपको शायद जानकारी होगी. उसी में से एक नियम यह भी कहता है कि पुरुष टीटीई महिला रिजर्व कोच में टिकट की जांच नहीं कर सकता है.
Indian Railway Rule: रेलवे से हर दिन लाखों की संख्यां में लोग सफर करते हैं. इस कारण रेलवे समय समय पर स्पेशल ट्रेन चलाने से लेकर कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराता है. समय के साथ रेलवे अपने नियमों में भी बदलाव करता है. इसके कुछ नियम पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन जानकारी नहीं होने से यात्री इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं. आज एक ऐसे ही रेलवे के नियम के बारे में जानकारी दी जा रही है.
बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों को रोकने और यात्रियों के यात्रा के दौरान कई मामलों में मदद करने के लिए टीटीई की तैनाती की जाती है. टीटीई यात्रियों के टिकट की जांच करता है और टिकट नहीं होने पर जुर्माना लगाता है या फिर उचित कार्रवाई करता है. टीटीई को ट्रेन के सभी बोगी में जाने का अधिकार है, लेकिन महिला आरक्षित बोगी में इसे जाने के लिए नहीं कहा जाता है.
पुरुष TTE हो जाँच के अधिकार नहीं होते
रेलवे की वेबसाइट ईरेल डॉट इन के अनुसार, महिलाओं के लिए रिजर्व डिब्बों की जांच आमतौर पर महिला टिकट कलेक्टरों या परीक्षकों द्वारा की जानी चाहिए. पुरुष टिकट जांच अधिकारी या यात्रा टिकट परीक्षकों को “महिला” डिब्बों में एंट्री के लिए नहीं कहा जाता है. रेलवे कहता है कि वे पुरुष टिकट चेकिंग अधिकारी केवल प्लेटफॉर्म से ही महिलाओं के टिकट की जांच कर सकता है.
बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना
रेलवे की ओर से जानकारी दी जाती है कि अगर कोई भी यात्री बिना टिकट यात्रा करते हुए पाया जाता है तो टिकट जांच अधिकारी उचित कार्रवाई कर सकता है. रेलवे की ओर से बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना लगाया जाता है. जिस स्टेशन से पैसेंजर ने यात्रा शुरू की है या जिस स्टेशन से ट्रेन चली है या चेकिंग पॉइंट से न्यूनतम अतिरिक्त शुल्क के बराबर राशि के साथ 250 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.
जुर्माना नहीं चुकाने पर क्या होगा
अगर कोई यात्री जुर्माना नहीं देता है तो टीटीई आरपीएफ का सहारा ले सकता है. बिना टिकट यात्रा करने और जुर्माने की राशि नहीं चुकाने पर धारा 137 के तहत धोखाधड़ी का मुकदमा चलाया जा सकता है. साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है.