अरोरा ने लोगों को हिदायत भी दी है कि वे अभी अपनी मर्जी से बूस्टर डोज न लें, क्योंकि कोविन पर इसका रिकॉर्ड दर्ज नहीं होगा और कोई सर्टिफिकेट इश्यू नहीं किया जाएगा। अरोरा ने ये नसीहत इसलिए दी है, क्योंकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि कई लोग चुपचाप तीसरा डोज ले रहे हैं। अरोरा ने बताया कि देशभर में सीरोपॉजिटिव स्टडी के अनुसार अभी तक का वैक्सीनेशन कारगर रहा है और ऐसी कोई वजह सामने नहीं आई कि लोग चुपचाप वैक्सीनेशन के लिए भाग-दौड़ करें।
देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं
अरोरा के अनुसार 85% लोगों को कम से कम पहला डोज लग चुका है। सीरोपॉजिटिव स्टडी के अनुसार वैक्सीनेशन का पॉजिटिव असर रहा है। दिल्ली में 97% आबादी सीरोपॉजिटिव है। UP में 88% तेलंगाना में 85% आबादी सीरोपॉजिटिव है। अरोरा का कहना है कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। हर महीने 30-35 करोड़ डोज तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप बिना वजह डोज लगवाएं।
अरोरा के अनुसार देश में कोरोना के केस भी घट रहे हैं, ऐसे में ज्यादा चिंता की बात नहीं है। हम कई देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं। अरोरा का बयान ऐसे समय आया है जब तेलंगाना के स्वास्थ्य अधिकारियों समेत कई अफसर खुले तौर पर तीसरे डोज की पैरवी कर चुके हैं। वे कह रहे हैं कि कमजोर इन्यूनिटी वाले लोगों को तीसरा डोज लेना चाहिए।
12 करोड़ लोगों का दूसरा डोज ओवरड्यू
देश में ऐसे 12 करोड़ लोग हो गए हैं जिन्होंने तय शेड्यूल पर कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है। ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दी है। उन्होंने राज्यों से अपील की है कि सभी को मिल जुलकर कोशिश करनी चाहिए ताकि कोई वैक्सीन के बिना न छूटे। इससे पहले 20 अक्टूबर को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया था कि तय समय पर दूसरा डोज नहीं लेने वाले लोगों की संख्या 10 करोड़ है। यानी एक महीने से भी कम समय में यह आंकड़ा 2 करोड़ बढ़ गया है।
दूसरे डोज के 6 महीने बाद बूस्टर डोज लेना सही रहेगा
कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के MD डॉ. कृष्णा एल्ला कह चुके हैं कि दूसरा डोज लेने के 6 महीने बाद बूस्टर डोज लेना सही रहेगा। हालांकि, इस बारे में आखिरी फैसला सरकार को लेना है। बता दें अमेरिका समेत कई देशों ने कोरोना वैक्सीन का बूस्टर (तीसरा डोज) देना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत में अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है।