नई दिल्ली- भारत ने पहली बार 1 जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था l भारत ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (Windfall Tax) को 1,300 रुपये से बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति टन कर दिया है। नई दिल्ली ने डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) पर कर हटाने का फैसला किया है। पेट्रोल पर भी कोई अप्रत्याशित कर नहीं लगेगा। डीजल, एटीएफ पर भी अप्रत्याशित कर हटा दिया गया है, जबकि पहले इस पर 50 पैसे प्रति लीटर और एक रुपये प्रति लीटर का अप्रत्याशित कर लग रहा था था। नई दरें 2 जनवरी, 2024 से प्रभावी होंगी।
18 दिसंबर को कच्चे तेल पर लगने वाले एसएईडी में की गई थी कटौती
18 दिसंबर को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाए जाने वाले कर को 5,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया था। इसके अलावा, डीजल के निर्यात पर एसएईडी को 1 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 50 पैसे प्रति लीटर कर दिया गया था।
पहली बार 1 जुलाई 2022 को लगाया गया था विंडफॉल टैक्स
भारत ने पहली बार 1 जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था। दो हफ्तों में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े कर दरों की समीक्षा की जाती है। वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 डॉलर प्रति बैरल से अधिक होने पर घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाया जाता है। डीजल, एटीएफ और पेट्रोल के निर्यात पर शुल्क लगता है यदि उत्पाद पर मार्जिन 20 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जाती है।
पाक्षिक आधार पर होता है कर में संशोधन
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल और उत्पाद की कीमतों में उतार-चढ़ाव के आधार पर अप्रत्याशित लाभ कर या विंडफॉल टैक्स में पाक्षिक संशोधन होता है। इससे पहले 1 दिसंबर को सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पदार्थों पर अप्रत्याशित लाभ कर को 6,300 रुपये प्रति टन से घटाकर 5,000 रुपये प्रति टन करने की घोषणा की गई थी। इसके अलावा, 16 नवंबर की समीक्षा के दौरान, सरकार ने क्रूड ऑयल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 3,500 रुपये घटाकर 9,800 रुपये प्रति टन से 6,300 रुपये प्रति टन किया था। यह फैसला वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट के कारण लिया गया है।
विंडफॉल टैक्स क्या है?
भारत ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स शुरू किया था। यह कर सरकार द्वारा उन उद्योगों पर लगाया जाता है जो अप्रत्याशित रूप से लाभ अर्जित करते हैं। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर तब लगाया जाता है जब वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जाती हैं। डीजल, एटीएफ और पेट्रोल के निर्यात के लिए, शुल्क तब लागू होता है जब उत्पाद में मार्जिन या मुनाफा 20 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जाते हैं। यह मार्जिन कच्चे तेल (कच्चे माल) की लागत और तैयार पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य के बीच का अंतर है।