नई दिली – केंद्र सरकार ने शिकायत निवारण को समयबद्ध, सुलभ और सार्थक बनाने के लिए प्रभावी शिकायत निवारण की समयसीमा घटाकर 21 दिन कर दी गई है। बता दें कि इससे पहले शिकायत निवारण की समयसीमा 30 दिन थी। वहीं नए निर्देश के अनुसार जिन मामलों में शिकायत निवारण में अधिक समय लगने की संभावना है, वहां नागरिकों को अंतरिम जवाब दिया जाएगा।
शिकायतों को नहीं लौटा सकेंगे मंत्रालय-विभाग
सरकार के निर्देश के अनुसार सभी मंत्रालयों-विभागों में लोक शिकायतों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी जो शिकायतों का शीघ्र, निष्पक्ष और कुशलतापूर्वक समाधान करेंगे। वहीं शिकायतों का बोझ अधिक होने वाले मंत्रालयों-विभागों में समर्पित नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि किसी भी मामले में शिकायत को ‘इस मंत्रालय-विभाग-कार्यालय से संबंधित नहीं है’ या इसके समकक्ष भाषा में बताकर बंद नहीं किया जाएगा। यदि शिकायत का विषय प्राप्त करने वाले मंत्रालय से संबंधित नहीं है, तो इसे सही प्राधिकारी को हस्तांतरित करने का प्रयास किया जाएगा।
पीएम मोदी ने सचिवों के साथ की थी बैठक
इसमें कहा गया कि जिन मंत्रालयों/विभागों में बड़ी संख्या में जन शिकायतें प्राप्त होती हैं, वहां स्वतंत्र प्रभार के साथ पर्याप्त पद पर एक समर्पित नोडल अधिकारी नियुक्त करने की सलाह दी जाती है, ताकि जन शिकायतों का समय पर और गुणवत्तापूर्ण निपटान सुनिश्चित किया जा सके। बता दें कि संशोधित दिशा-निर्देशों का उल्लेख करने वाला यह आदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से 29 जून को भारत सरकार के सचिवों के साथ बातचीत के दौरान दिए गए निर्देशों के बाद जारी किया गया।