नई दिल्ली- भारत का आयात फरवरी 2024 में 13 प्रतिशत बढ़कर 2.16 करोड़ टन हो गया। ऑनलाइन मार्केटप्लेस ‘एमजंक्शन’ के अनुसार कुछ खरीदारों ने गर्मियों से पहले स्टॉक करने के लिए नए सौदे किए, जिससे आयात बढ़ा। इससे पहले 2023 के समान महीने में कोयला आयात 1.91 करोड़ टन था।’फरवरी 2024 में कोयला आयात, फरवरी 2023 के 1.91 करोड़ टन के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक है।’ फरवरी में कुल आयात में गैर-कोकिंग कोयला का आयात बढ़कर 1.37 करोड़ टन हो गया, जो फरवरी, 2023 में 1.16 करोड़ टन था।
एमजंक्शन ने कहा, ‘गैर-कोकिंग कोयले का आयात फरवरी में बढ़कर 45.6 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल फरवरी में यह 44 लाख टन था।’ ऑनलाइन मार्केटप्लेस ने कहा कि देश का कोयला आयात बीते वित्त वर्ष की अप्रैल से फरवरी तक की अवधि में बढ़कर 24.42 करोड़ टन रहा, जो वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि में 22.79 करोड़ टन था।
इस साल जनवरी में कुल आयात में से गैर-कोकिंग कोयले का आयात 12.10 मीट्रिक टन था। वहीं पिछले वित्त वर्ष के दौरान जनवरी में 10.01 मीट्रिक टन इंपोर्ट किया गया था। कोकिंग कोयले का आयात 4.50 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में आयात 4.74 मीट्रिक टन से थोड़ा कम है।
भारत किससे कोयला का आयात करता है?
भारत के पास कोयले का बड़ा भंडार है। लेकिन, अभी तक हम सही तरीके से उसका खनन नहीं कर पाए हैं।कोयला खनन के लिए कई मंजूरियां लेनी होती है। जैसे कि खनन के लिए भूमि अधिग्रहण राज्य सरकार का काम है। कई बार पर्यावरण से जुड़ी मंजूरियों में मामला फंस जाता है। फिर ट्रांसपोर्टेशन की भी चुनौती रहती है।
यही वजह है कि भारत को बड़े पैमाने पर कोयले का आयात करना पड़ता है। भारत मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया से कोयला मंगाता है।