राष्ट्रीय ध्वज तिंरगा देश की आन,मान, शान और स्वाभिमान है। ये देश के लिए दिए गए बलिदानों का प्रतीक है। इसके सम्मान के लिए अनगिनत लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के ध्वज का सम्मान हर किसी को करना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की बनावट,आकार और रंग सभी का विशेष महत्व है। जो देश की जनता को खास संदेश हैं।
लेकिन हर साल 15 अगस्त की दोपहर से ही तिरंगा सड़कों पर और कूड़ें में दिखने लगता है। तिरंगा कोई खेलने की चीज या उपयोग करने की चीज नहीं है कि यूज होने के बाद फेंक दें। हमें खुद और बच्चों को भी तिरंगे का मतलब बताना चाहिए।
देश का पहला तिरंगा कहां है?
भारत का पहला तिरंगा झंडा, जिसे 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर फहराया था। जिसके बाद आधिकारिक तौर पर भारत की आजादी की घोषणा हुई।वो तिरंगा अब राजधानी दिल्ली स्थित आर्मी बैटल ऑनर्स मेस में है।इस तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने का प्रस्ताव 22 जुलाई 1947 को कॉन्स्टीट्यूशन हॉल में संविधान सभा की बैठक पंडित नेहरू ने रखा, जिसे सभा ने स्वीकार कर लिया। इस तरह, हमारा राष्ट्रीय ध्वज अस्तित्व में आया था।
अशोक चक्र के 24 तीलियों की महत्व
सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर एक चक्र जो पहिया की आकृति बना हुआ है, उसे अशोक चक्र कहते हैं। तिरंगे में ये चक्र नीले रंग का होता है। इसमें 24 तीलियां होती हैं। ये 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को प्रदर्शित करती हैं। एक-एक करके 24 तीलियों के बारे में समझते हैं…
1: संयम- संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है।
2: आरोग्य- निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।
3: शांति- देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह देती है।
4: त्याग- देश और समाज के लिए त्याग की भावना का विकास होता है।
5: शील- व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता का भाव रखना चाहिए।
6: सेवा- देश और समाज की सेवा करनी चाहिए।
7: क्षमा- मनुष्य और प्राणियों के लिए क्षमा की भावना रखनी चाहिए।
8: प्रेम- देश और समाज के लिए प्रेम की भावना रखनी चाहिए।
9: मैत्री- समाज में मित्रता और भाईचारे की भावना रखनी चाहिए।
10: बन्धुत्व- देश प्रेम और बंधुत्व को बढ़ावा देना।
11: संगठन- राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना।
12: कल्याण- देश और समाज के लिये कल्याणकारी काम में भाग लेना।
13: समृद्धि- देश और समाज की समृद्धि में योगदान देना।
14: उद्योग- देश की औद्योगिक प्रगति में मदद करना।
15: सुरक्षा- देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना।
16: नियम- निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना।
17: समता- समता मूलक समाज की स्थापना करना।
18: अर्थ- धन का सही जगह इस्तेमाल करना।
19: नीति- देश की नीति के लिए निष्ठा रखना।
20: न्याय- सभी के लिए न्याय की बात करना।
21: सहकार्य- आपस में मिलजुल के काम करना।
22: कर्तव्य- अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना।
23: अधिकार- अधिकारों का गलत इस्तेमाल न करना।
24: बुद्धिमत्ता- देश की समृधि के लिए खुद का बौद्धिक विकास करना।
तिरंगे से जुडी कुछ विशेषताए
राष्ट्रीय ध्वज का मानक आकार लंबाई और चौड़ाई 3:2 के अनुपात में रखने का प्रावधान है।मशीन से बना हुआ कपास, उन या रेशमी खादी से बना तिरंगा फहरा सकते हैं। साथ ही पॉलिएस्टर से बना तिरंगा भी फहराया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति, संस्था, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और निजी-सरकारी संस्थान तिरंगा झंडा को सम्मान के साथ किसी भी दिन या किसी भी अवसर पर फहरा सकते हैं।कोई भी व्यक्ति, निजी ऑर्गनाइजेशन या इंस्टीट्यूट दिन या रात यानी 24 घंटे में कभी भी तिरंगा फहरा सकते हैं।
क्या ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में कोई अंतर है?
- 15 अगस्त को जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं
- 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना कहते हैं।
स्कूल, घर या किसी संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
- फटा हुआ और मैला झंडा नहीं फहराया जा सकता है।
- अगर झंडे का रंग फीका पड़ गया है तो इसे नहीं फहराना चाहिए।
- झंडे को कभी भी झुका कर नहीं रखना चाहिए। जहां तिरंगा फहराया जा रहा है, वहां यह सबसे ऊपर होना चाहिए।
- जिस जगह तिरंगा झंडा फहराया जा रहा है, वहां इसके साथ कोई दूसरा झंडा इससे ऊपर नहीं होना चाहिए।
- जिस खंभे या बिल्डिंग पर झंडा लगा हो, उस पर किसी तरह का विज्ञापन नहीं होना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस पर झंडों की खूब बिक्री होती है। लेकिन 15 अगस्त का दिन बीतते ही लोग झंडे फेंक देते हैं। जगह-जगह सड़कों पर, पैरों के नीचे और कूड़े के ढेर में दिखाई देते हैं। ये राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। तिरंगे का यूज करने के बाद या फट जाने के बाद 2 तरह से करें निस्तारण यानी डिस्पोज कर सकते हैं।
तिरंगे को इस तरह से करें निस्तारण
एक लकड़ी के बॉक्स में झंडे को सम्मान के साथ तह करके रखें। साफ जगह पर जमीन में इस बॉक्स को दफन कर दें। इसके बाद उस जगह पर दो मिनट तक मौन में खड़ें रहें।
साफ जगह पर लकड़ी जलाएं। तिरंगे को तह करके सम्मान के साथ आग में डिस्पोज कर दें। बिना तह किए झंडे को जलाना कानूनी अपराध है। ध्यान रहे कि झंडे को तभी जला सकते हैं जब वह पूरी तरह से खराब यानी कट-फट हो गया है। कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते, कुचलते, फाड़ते या नियम विरुद्ध ध्वजारोहण करते पाया जाता है तो उसे तीन साल की जेल या जुर्माना देने का दंड मिल सकता है। व्यक्ति को जेल और जुर्माना दोनों ही सजा दी जा सकती हैं।