नई दिल्ली- सरकार ने इस बार के बजट में इनकम टैक्सपेयर्स को कई सहूलियतें दी हैं तो कुछ निगरानी भी बढ़ाई है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से जारी नए आयकर रिटर्न फॉर्म में काफी बदलाव किए गए हैं. इसमें क्रिप्टोकरेंसी से लेकर शेयर बाजार तक से जुड़ी कई और जानकारियों का खुलासा करना होगा. कुलमिलाकर अब आपके हर खर्च और निवेश पर इनकम टैक्स विभाग की नजर होगी और जरा सी गलती भारी पड़ सकती है. हालांकि, नए फॉर्म में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस बार आयकर रिटर्न फॉर्म को काफी जल्दी नोटिफाई कर दिया, ताकि बाद में टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरने में भीड़ का सामना न करना पड़े. इससे पहले आईटीआर फॉर्म अमूमन मई-जून तक आता था, जिससे जुलाई में रिटर्न भरने वालों की काफी भीड़ जमा हो जाती थी और तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इस बार जल्दी फॉर्म आने की वजह से टैक्सपेयर्स वित्तवर्ष खत्म होते ही 1 अप्रैल से रिटर्न भर सकते हैं. सीबीडीटी ने रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 ही तय की है.
अब करने होंगे ये खुलासे
1-नए आईटीआर फॉर्म में शेयर बाजार में इंट्र्रा डे ट्रेडिंग को अलग से दर्शाना होगा, जिसमें आपका कुल टर्नओवर और उससे हुआ मुनाफा शामिल होगा.
2-किसी ट्रस्ट को दिए दान पर आयकर की धारा 80जी में छूट ली है तो अब डोनर को यूनिक नंबर डालना होगा.
3-काटा गया टीसीएस किसी अन्य व्यक्ति से जुड़ा है, जिसे आपको ट्रांसफर करना है तो अब रिटर्न फॉर्म में भी इसे दर्शाना होगा.
4-कारोबारियों के लिए अब चुने गए रिजीम की जानकारी देनी होगी, ताकि उसे वापस नए रिजीम में जाने से रोका जा सके.
5-क्रिप्टो में निवेश करते हैं तो इससे होने वाले मुनाफे या नुकसान को भी रिटर्न में बताना पड़ेगा.
पार्टनर फर्म के लिए भी खास नियम
6-नए रिटर्न फॉर्म में किसी पार्टनरशिप फर्म ने अगर नया पार्टनर जोड़ा है या पुराना रिटायर हुआ है तो इसकी भी जानकारी देनी होगी और बदलाव की डेट भी बतानी पड़ेगी.
7-रिश्तेदार या दोस्तों से एडवांस लिया है तो इसकी जानकारी भी आपके आयकर रिटर्न फॉर्म में शामिल होगी.
8-किसी ट्रस्ट के पूर्व में किए गए निवेश की जानकारी भी अब रिटर्न फॉर्म में शामिल होगी.
9-ट्रस्ट को मिले गुप्त दान का खुलासा भी जरूरी हो गया है. इस पर तय रकम से ज्यादा पर टैक्स लगेगा.
10-चंदा लेने वाले राजनीतिक दलों को अब चुनाव आयोग से मिली मान्यता का खुलासा रिटर्न फॉर्म में भी करना होगा.