नई दिल्ली- भारत में लगभग हर सेक्टर में तेजी से बढ़ते भरोसेमंद स्टार्टअप में निवेशक जमकर पैसा निवेश कर रहे हैं। अब इन्हीं निवेशकों पर आयकर विभाग की नजर टिक गई है। आयकर विभाग ने आज कुछ स्टार्टअप्स को नोटिस भेजकर उनके निवेशकों के बारे में जानकारी मांगी है।
क्या पता करना चाहता है आयकर विभाग?
आयकर विभाग इन निवेशकों की साख चेक करना चाहते हैं। इसके अलावा आयकर विभाग यह भी वेरिफाइ करना चाहता है कि निवेश की गई राशि निवेशकों द्वारा घोषित आय के अनुरूप है या नहीं।आयकर विभाग ने भारत-पे के को फाउंडर और पूर्व एमडी अशनीर ग्रोवर के एक सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब देते हुए कहा कि कानून के तहत, निवेशकों की पहचान और साख के साथ-साथ लेनदेन की वास्तविकता प्रदान करने की जिम्मेदारी कंपनी की है।
अशनीर ग्रोवर ने X (ट्विटर) पर पूछा था सवाल
अशनीर ग्रोवर ने X (ट्विटर) पर 8 सितंबर यानी कल ट्वीट करते हुए लिखा कि पिछले एक महीने में, कई स्टार्टअप्स को आयकर नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिसमें शेयरधारकों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है।इनमें से कुछ स्टार्टअप्स उनके पोर्टफोलियो में भी है। उन्होंने कहा कि यह काफी इंटरेस्टिंग है कि आयकर विभाग स्टार्ट-अप कंपनियों से सभी शेयरधारकों का 3 साल का आईटीआर प्रस्तुत करने के लिए कह रहा है।
अशनीर ने सवाल पूछा कि स्टार्टअप के पास शेयरधारकों का आईटीआर कैसे और क्यों होगा। “एक शेयरधारक/व्यक्ति अपना आईटीआर किसी निजी कंपनी के साथ क्यों साझा करेगा?” ग्रोवर ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से इस पर गौर करने को कहा है।
आयकर विभाग ने दिया जवाब
अशनीर ग्रोवर के ट्वीट के जवाब में आयकर विभाग ने लिखा कि,आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 68 जिसके तहत मूल्यांकन अधिकारी (एओ) ने शेयरधारक/निवेशक की साख के बारे में पूछताछ की है, निर्धारिती-कंपनी को निवेशकों की पहचान, निवेशक की साख और लेनदेन की वास्तविकता को साबित करना होगा।