Income Tax Return: डिजाइनर कपड़े, घड़ियां समेत दूसरे लग्जरी ब्रॉड्स की शॉपिंग अगर आप करते हैं तो और आयकर रिटर्न फाइल नहीं करते तो आपकी मुश्किलें बढ़ने वाली है. आप इनकम टैक्स विभाग के निशाने पर आ सकते हैं. इतना ही नहीं एनआरआई कोटे के मेडिकल कॉलेजों की सीटों पर दाखिल लेने वाले, आईवीएफ क्लिनिक, हॉस्पिटल्स, होटल्स, बैंक्वेट हॉल में किये जाने वाले ट्रांजैक्शन पर भी इनकम टैक्स विभाग कड़ी निगरानी रखने वाला है. सीबीडीटी 10 फीसदी के करीब आईटीआर भरने वालों की संख्या को बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. यही वजह है कि इनकम टैक्स विभाग ऐसे महंगे ट्रांजैक्शन पर नजर है.
इनकम टैक्स अधिकारियों को एनुअल एक्शन प्लान सर्कुलेट किया गया है. जिसमें ये कहा गया है कि 2 लाख रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन की रिपोर्टिंग में बड़े पैमाने पर उल्लंघन देखा जा रहा है. हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन करने के दौरान पैन देने का सही तरीके से अनुपालन नहीं किया जा रहा है. इनकम टैक्स विभाग की मानें तो जो लोग ऐसे हाई वैल्यू वाले महंगे ट्रांजैक्शन कर रहे हैं उनके इनकम टैक्स रिटर्न के साथ ये ट्रांजैक्शन कतई मेल नहीं खा रहा है.
इनकम टैक्स अधिकारियों को इस दिशा में कार्रवाई करते हुए ऐसे ट्रांजैक्शन का पता लगाने को कहा गया है. इनकम टैक्स विभाग को ऐसे कई हाई वैल्यू वाले कैश ट्रांजैक्शन का पता लगा है. लेकिन डेटा को वॉच स्टोर या लग्जरी ब्रांड स्टोर रिपोर्ट नहीं करते. पिछले साल टैक्स विभाग ने कई घड़ियों के रिटेलर्स के स्टोर का सर्वे भी किया था जिसमें अनियमितताएं पाई गई थी.
2022-23 में कुल 7.8 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल
वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 7.8 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किया था. जबकि 2021-22 में 7.3 आईटीआर भरा गया था. यानि एक साल में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में 7.3 फीसदी का उछाल आया है. इनकम टैक्स विभाग बीते कई सालों से ऐसे लोगों पर कार्रवाई करता रहा है जो हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन तो करते हैं लेकिन आईटीआर में अपनी सही आय घोषित नहीं करते. साथ ही कई तो ऐसे लोग भी पाये गए हैं जो आईटीआर भी नहीं भरते.
इनकम टैक्स विभाग ने फील्ड ऑफिसर्स से आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में इजाफा पर जोर देने को कहा है. उन्हें आईटीआर भरने वालों की संख्या को 10 फीसदी बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है. 25 अप्रैल 2023 को वित्त निर्मला सीतारामन ने देश में टैक्सपेयर्स की संख्या को बढ़ाने को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBDT) के साथ रिव्यू मीटिंग भी की थी. समीक्षा बैठक में बताया गया कि डिविडेंड, ब्याज, शेयरों, म्यूचुअल फंड और जीएसटीएन से वित्तीय लेनदेन के नए डाटा के सोर्स मिलने के चलते रिपोर्ट किए जाना वाली जानकारियों में 1118 फीसदी का उछाल आया है. 3 करोड़ अतिरिक्त लोगों की जानकारी मिली है.