नई दिल्ली- देश के दूसरे प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) के मर्जर को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है।कंपनी को स्टॉक को डीलिस्ट करने के लिए शेयरधारकों से मंजूरी मिल गई है। स्टॉकहोल्डर से मंजूरी मिलने के बाद आईसीआईसीआई बैंक के साथ मर्जर का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
कंपनी के लगभग 71.9 फीसदी अल्पसंख्यक शेयरधारकों ने पक्ष में वोट दिया है। बता दें कि किसी भी स्टॉक डिलिस्ट के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।आज खबर लिखते वक्त आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयर 2 फीसदी गिरकर 722.40 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 1 फीसदी की बढ़त के साथ 1,000 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं।
इन शेयरधारकों ने दिया पक्ष में मत
सार्वजनिक संस्थागत निवेशकों की कंपनी में 16.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन्होंने 3.8% ने डी-लिस्टिंग के पक्ष में वोट दिया है। वहीं, गैर-संस्थागत सार्वजनिक शेयरधारक जिनके पास कंपनी की 8.55% हिस्सेदारी है। इनमें से केवल 32 प्रतिशत शेयरधारक ही स्टॉक डिलिस्टिंग के पक्ष में था।
नॉर्जेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के पास फंड के माध्यम से 3.2% हिस्सेदारी है। यह आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में सबसे बड़ा सार्वजनिक शेयरधारक बनाता है। इन्होंने भी पक्ष में मतदान किया था।आईसीआईसीआई बैंक की ब्रोकरेज में लगभग 75 फीसदी हिस्सेदारी है। इसका मतलब है कि मर्जर के लिए बैंक के वोट की आवश्यकता नहीं है।जून 2023 में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा था कि वह स्वैप डील में शेष 25 फीसदी शेयर खरीदेगा। कंपनी के इस घोषणा के बाद लगभग शेयर में 16 फीसदी का उछाल आया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज इस दर पर आईसीआईसीआई बैंक हिस्सेदारी के लिए लगभग 59 अरब रुपये (707.9 मिलियन डॉलर) का भुगतान करेगा।क्वांटम एसेट मैनेजमेंट जिसके पास आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में 0.21प्रतिशत की हिस्सेदारी है और उसने इस डील के खिलाफ मतदान किया है।