नई दिल्ली – इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) ने दिवालिया कानून में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. इसके अनुसार, अगर कोई बिजनेस खुद को स्वैच्छिक रूप से अपने बिजनेस को बंद करने के लिए दिवालिया प्रक्रिया की अर्जी डालता है तो ऐसी स्थिति में उसे अपने पुराने सभी मुकदमे और वित्तीय जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी देनी होगी. यह सभी डिटेल्स IBBI के पास दर्ज करना आवश्यक होगा, जिससे की दिवालिया प्रक्रिया को शुरू किया जा सके. बोर्ड के इस प्रस्ताव के पीछे कारण यह है कि इससे स्वैच्छिक दिवालिया प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सके.
प्रस्ताव के पीछे क्या है कारण?
इस प्रस्ताव पर दिवालिया बोर्ड ने 26 अक्टूबर, 2023 तक सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया मांगी है. IBBI ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि स्वैच्छिक दिवालिया प्रक्रिया को पूरा करने में आमतौर पर एक साल से ज्यादा का वक्त लग जाता है. इसके पीछे सबसे मुख्य कारण यह है कि नियामक के पास कंपनी की वित्तीय जानकारी, जुर्माने आदि बहुत सी अपीलें लंबित पड़ी रहती है. इस कारण नियमक को कार्रवाई करने में देरी होती है. ऐसे में पहले ही जानकारी दर्ज कर देने से IBBI में लगने वाले समय में कमी आएगी.
दिवालिया प्रक्रिया पूरी होने में लगेगा कम वक्त
इस मामले पर IBBI ने कहा है कि जब भी कोई कंपनी दिवालिया प्रक्रिया के लिए एप्लीकेशन दे तो उन्हें अपनी कंपनी से जुड़ी सभी वित्तीय जिम्मेदारियों, पुराने मुकदमे और मूल्यांकन की जानकारी देनी होगी. इससे बोर्ड इस बाद का मूल्यांकन कर पाएगा कि कंपनी अपने सभी वित्तीय दायित्व को पूरा करने की स्थिति में है या नहीं. इसके बाद बोर्ड सभी स्टेकहोल्डर्स को इसकी जानकारी देकर जल्द से जल्द दिवालिया प्रक्रिया को पूरा करने की कोशिश करेगा.