आई-टिकट और ई-टिकट होती क्या है. ई-टिकट वो टिकट होती है, जो आप आईआरसीटीसी की वेबसाइट से करते हैं और उसका प्रिंट चाहे जब निकाल सकते हैं. वैसे तो आजकल प्रिंटेड टिकट की जरुरत भी नहीं होती है. अगर आई-टिकट की बात करें तो इसका प्रिंट निकालना मुश्किल होता है. इसे भी आईआरसीटीसी से बुक किया जाता है और इसका प्रिंट रेलवे की ओर से घर पर भेजा जाता है. इसका चार्ज अलग से लगता है. ऐसे में ये टिकट यात्रा से कुछ दिन पहले बुक करनी होती है.
कौनसी टिकट जल्दी होगी कंफर्म?
इन दोनों टिकट को लेकर लोगों के मन में कंफ्यूजन रहता है कि आखिर इनमें कौनसी टिकट कंफर्म जल्दी कंफर्म होगी. कई लोगों का कहना है कि आई टिकट जल्दी कंफर्म होती है. साथ ही लोगों के मन में सवाल रहता है कि जब सिर्फ पैसे ज्यादा लगते हैं तो आई-टिकट का क्या फायदा है, क्योंकि प्रिंट तो घर पर निकाला जा सकता है, फिर रेलवे से प्रिंट मंगवाने की क्या जरुरत है.
आई-टिकट और ई-टिकट से वेटिंग लिस्ट क्लियर होने का कोई कनेक्शन नहीं है. ट्रेन की टिकट कंफर्म कैंसिलेशन के आधार पर होता है और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सीट दी जाती है. तो ट्रेन टिकट बुक होने का सिस्टम अलग है, इसलिए अगर आप कंफर्म के बारे में सोचकर आई-टिकट या ई-टिकट करवा रहे हैं तो ऐसा नहीं होता है.जनरल वेटिंग, पीक्यूडब्ल्यूएल, आरक्यूडब्ल्यूएल के आधार पर कंफर्म होने का सीन होता है. जनरल वेटिंग की टिकट जल्दी कंफर्म होती है और बाकी वेटिंग लिस्ट को कोटे में बची सीट के आधार पर सीट अलॉट होती है.
ई-टिकट का क्या है फायदा?
ई-टिकट लेने का फायदा क्या है. अगर ई-टिकट कंफर्म नहीं होती है तो आप ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकते हैं, लेकिन अगर आई-टिकट कंफर्म ना हो तो रेलवे की ओर से भेजी गई आधिकारिक टिकट के जरिए आप ट्रेन में सफर कर सकते हैं. ये टिकट रिजर्वेशन काउंटर पर बुक करवाई टिकट की तरह ही मान्य होती है.