डायबिटीज मरिजो को इन्सुलिन के इंजेक्शन से मिलेगा छुटकारा,और स्प्रे से मिलेगा आराम

हैदराबाद– डायबिटीज बेहद घातक बीमारियों में से एक है. बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से लगातार इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.इसके लिए मरीज को इंसुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है. जल्द ही इंसुलिन के इस दर्द से मुक्ति मिल सकती है. दो से तीन साल में इंजेक्शन की जगह स्प्रे की मदद  से ही इंसुलिन लिया जा सकेगा.

डायबिटीज के उन रोगियों के लिए राहत भरी खबर है जिन्हें इंसुलिन के दर्द को झेलना पड़ता था जोकि बहुत ही दर्दनाक होता है. लगभग दो से तीन सालों में, आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकेंगे जोकि मुंह में स्प्रे छिड़कने से हो जाएगा. इसकी मदद से मरीज सुई के बजाए मुंह से स्प्रे के जरिए इंसुलिन ले सकेंगे.

दो साल पहले ही शुरू हुई निडलफ्री टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (NiedlFree Technologies Pvt Ltd)बगैर सुई वाली ओरल इंसुलिन स्प्रे बनाने का दावा कर रही है.कहा जा रहा है कि ये दुनिया का पहला इंसुलिन स्प्रे होगा, जिसे Ozulin नाम दिया जा रहा है. इसे जानवरों और मनुष्यों पर उपयोग करने के लिए तैयार किया गया कंपनी की शुरुआत हैदराबाद स्थित रिसर्च एंड डेवलेपमेंट कंपनी ट्रांसजीन बायोटेक लिमिटेड के तौर पर हुई थी.

किन बीमारियों में होगा उपयोग

NiedIFree के सह-संस्थापक और निदेशक और ट्रांसजीन बायोटेक के सीएमडी डॉ. के कोटेश्वर राव ने कहा कि कंपनी ने पहले ही सुरक्षा और टॉक्सिकोलॉजी स्टडीज अध्ययन करने की मंजूरी के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) में आवेदन कर दिया है. अगर इसे मंजूरी मिलती है तो ये ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल के लिए जाएगी. डॉ. राव ने कहा कि NiedlFree को पहले ही 40 से अधिक देशों में नए ओरल इंसुलिन के लिए ग्लोबल पेटेंट प्रदान किया जा चुका है.

कोटेश्वर राव ने कहा कि NiedIFree कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए ओरल और नाक से स्प्रे विकसित करने पर भी काम कर रहा है. दवाओं को बाजार में लाने के लिए अगले कुछ सालों में 225-250 मिलियन डॉलर जटाने की योजना बनाई जा रही है. इसके बाद इन बीमारियों से परेशान करोड़ों लोगों को इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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