बच्चों का पढ़ाई में मन कैसे लगाएं ?

बच्चों का पढ़ाई में मन कैसे लगाएं ?

 

मार्गदर्शक दीप सर,होम स्कूल अकोला।

बहुत सारे अभिभावक की यह शिकायत रहती है कि उनके बच्चे होशियार तो हैं, पर उनका पढ़ाई में मन ही नहीं लगता । उनको पढ़ना लिखना बहुत जान पर आता है। इस समस्या का समाधान बहुत आसान है । आपको कुछ ऐसा करना है जिससे आपके बच्चों की पढ़ाई मजेदार बने। जब कोई मजेदार चीज हमारे पास होती है तो हम उसको मन लगाकर करते हैं । हमारा इंटरेस्ट उसमें निर्माण होना चाहिए तो वह चीज हम खुद ब खुद करेंगे। वैसे ही बच्चों का मन है अगर उन्हें पढ़ाई में मजा आए तो वह 5 घंटे तक पढ़ाई कर सकते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे की पढ़ाई को मजेदार कैसे बनाएं। तो इससे पहले हम को यह समझना होगा की पढ़ाई बोरिंग क्यों है ? क्यों की हम जो किताबे बच्चों को देते हैं वह बहुत मोटी और ज्यादा पन्नों वाली होती है और उसमें से 90% शब्दों के अर्थ बच्चों को समझते नहीं और जो चीज समझते नहीं उसमें इंटरेस्ट निर्माण हो नहीं सकता । उसे देखते ही बच्चों के मन में डर की भावना निर्माण हो जाती है। और वे सोचते हैं की इतना बड़ा मुझको पढ़ना पड़ेगा, यह सोचकर ही बच्चे उससे दूर भागते है।

सबसे पहले तो हमें उनकी किताबों को छोटा करना होगा। और जो पाठ हमें उनको सिखाना है उस पाठ से संबंधित पूर्व ज्ञान उनको देना होगा जिससे उनके मन में आगे की जानकारी हासिल करने की उत्कंठा निर्माण हो। फिर उन्हें बताना है कि इसे पढ़ तुझे पूरी जानकारी मिल जाएगी।

ऐसा करने से बच्चों को पढ़ने की इच्छा होगी और क्यों पढ़ना है यह उन्हें पता होगा।

शिक्षा की शुरुआत आसान से कठिन ऐसी होनी चाहिए पर आजकल 99% स्कूले बच्चों को बड़ी-बड़ी किताबें देती है जिसका कोई अर्थ नहीं। मेरा यहां अनुभव है कि एक छात्र पूरे साल में एक पूरी किताब स्वयं कभी भी नहीं पड़ता।
किताबों की साइज “A4” से आधी होनी चाहिए। जिसे देखते ही बच्चों के मन में आए हैं इतनी छोटी सी किताब है मैं तो इसे 2 मिनट में पढ़ लूंगा यह भावना उसके मन में आते हैं पढ़ाई के प्रति उसका इंटरेस्ट बढ़ेगा।

किताबों में जो अक्षर रहते हैं बड़े होने चाहिए।अब आपको लगेगा की ऐसी किताबें हम कहां से लाएं स्कूल की किताब तो ऐसी होती नहीं।आपके बच्चों का जो स्कूल सिलेबस है, वह अलग-अलग किताबों में उपलब्ध है । बहुत सारी किताबों की प्रदर्शनी लगती है उसमें आपको सारे पाठ और सारा सिलेबस मिल सकता है । या फिर आप इंटरनेट से उस कंसेप्ट या पाठ का पीडीएफ डाउनलोड कर के उस का एक प्रिंट भी निकाल सकते हो।अगर बच्चों को पढ़ाना है तो इतना कष्ट तो उठा नहीं पड़ेगा।

पढ़ाई में बच्चों का मन लगाने के बहुत सारे तरीके हैं अगर वे आपको जानने हैं तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हो।कोई पाठ बच्चों को सिखाने से पहले उस पाठ में आने वाले सभी कठिन शब्दों के अर्थ बच्चों को मातृभाषा में सिखाएं तो बच्चों को वह पाठ आसानी से समझता है और फीर बच्चे मन लगाकर पढ़ते हैं।

हमारी होम स्कूल में इसी तरह से बच्चों को पाठ सिखाएं जाते हैं……

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होम स्कूल ,
शारदा समाज, मराठा नगर, रामदास पेठ, अकोला।

8668784336
9371652399
www.homeschoolakola.com.

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