The Human Eye pixel power: इंसान का शरीर जितना जटिल होता है, उतना ही आधुनिक है. हमारे शरीर के हर अंग की अपनी-अपनी खासियत होती है. कैसे हम इस खूबसूरत दुनिया को छोटी सी आंखों से देख पाते हैं.
कितने मेगापिक्सल की होती हैं इंसानों की आंखें?
इंसान सुबह उठने से रात को सोने तक कई चीजें देखते हैं. साइंटिस्ट और फोटोग्राफर डॉक्टर रोजर क्लार्क के अनुसार, मानव आंख का रिज़ॉल्यूशन 576 मेगापिक्सल है. वहीं स्मार्टफोन का कैमरा देखें तो काफी कम मिलता है.576 मेगापिक्सेल रिजॉल्यूशन का अर्थ है कि इतनी स्पष्ट और स्पष्ट तस्वीर वाली स्क्रीन बनाने के लिए कि आप अलग-अलग पिक्सल में अंतर नहीं कर सकते, आपको 576 मिलियन पिक्सेल को अपने देखने के एरिया के साइज के फील्ड ऑफ व्यू करना होगा.
ढलती उम्र के साथ कमजोर होती हैं आंखें
भले ही आंखों का रिजॉल्यूशन 576 मेगापिक्सल का होता हो, लेकिन हमारा दिमाग इसे प्रोसेस नहीं कर पाता है. हमें दिखने वाले सीन का कुछ ही हिस्सा HD में दिख पाता है. अलग-अलग फोकस करने से व्यू क्लियर नजर आता है.बता दें, हमारी आंखों की क्षमता समान नहीं होती है. ढलती उम्र के साथ आंखों की रोशनी भी कमजोर हो जाती है. बढ़ती उम्र के साथ आंखों का रेटिना भी कमजोर होने लगता है. यही कारण है कि बुजुर्ग लोगों को नजर कमजोर हो जाती है और देखने में परेशानी होती है.