उल्लेखनीय है कि मांग में वृद्धि के कारण लोकसभा की तुलना में विधानसभा चुनाव में हेलिकॉप्टर सेवा दरों में १५ से २० फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हेलिकॉप्टर उड़ानों की कोई निश्चित समय-सारणी नहीं है। ऐसी उड़ानों को नॉन शेड्यूल्ड ऑपरेशन परमिट कहा जाता है। राजनेता, उद्यमी इस सेवा का खर्च उठा सकते हैं। डीजीसीए की दिसंबर २०२३ की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में १९१ हेलिकॉप्टर हैं। उनमें से १९ का स्वामित्व विभिन्न राज्यों के पास है। महाराष्ट्र में ७१ हेलिकॉप्टर हैं। इसमें ग्लोबल वेक्ट्रा एविएशन के पास ३० और हेलिगो के पास १५ हैं।
ये कंपनियां राज्य सरकार, ओएनजीसी को सेवाएं प्रदान करती हैं। निजी स्वामित्व, कंपनियों और कॉर्पोरेट को छोड़कर अधिकतम २४-२५ हेलिकॉप्टर ही चुनाव प्रचार के लिए उपलब्ध रहते हैं। एक एविएशन कंपनी के मुताबिक, लोकसभा चुनाव खत्म होते ही हेलिकॉप्टरों को लेकर पूछताछ शुरू हो गई थी। एक पार्टी ने एडवांस पेमेंट करते हुए हमसे ६ हेलिकॉप्टर बुक किए। राज्य के सारे हेलिकॉप्टर इसी पार्टी ने ले लिए। इसके चलते किराए में १५ से २० फीसदी की वृद्धि हुई है।
कोई काम नहीं है तो हेलिकॉप्टर पार्क करने के निर्देश
प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक कम से कम तीन घंटे और प्रतिमाह ९० घंटे की उड़ान का अनुबंध किया जाता है। लंबी उड़ानों की लागत घंटे के हिसाब से होती है। अगर कोई काम नहीं है, तो हेलिकॉप्टर पार्क करने के निर्देश हैं, लेकिन दूसरों को न दें, इस तरह के सख्त निर्देश हैं इसलिए हेलिकॉप्टर अन्य दलों को नहीं मिलती। शादी, फ्लावर शॉवरिंग, जॉय राइड बंद रहते हैं।
विदेशी हेलिकॉप्टर का आधार
ट्रिप ट्रेजर हॉलिडेज के मुताबिक, हमारी मूल कंपनी का पूरे देश में नेटवर्क है। हर जगह एक पार्टी बुकिंग के लिए कहती है। इस पार्टी ने राज्य के सभी हेलिकॉप्टर बुक कर लिए। ऐसे में अब विदेशी हेलिकॉप्टरों का आधार लेते हुए वहां से मंगवाए गए हैं। मुंबई की एक कंपनी ने बताया कि भाजपा की जबरदस्त बुकिंग के चलते महाविकास आघाड़ी ने एक महीने के लिए राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली से २-२ हेलिकॉप्टर और बंगलुरु से ४ हेलिकॉप्टर बुक किए हैं।